मिथिला का जनजीवन: एक ऐतिहासिक अध्ययन

Authors(1) :-डाॅ0 गरिमा

मिथिला की पावन भूमि, प्रागैतिहासिक काल से ही अपनी बौद्धिक, आध्यात्मिक और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए भारत एवं अन्य देशों में अपनी विशिष्ट पहचान रखता रहा है। आधुनिक युग में भी यह क्षेत्र मैथिल, मैथिली पान, माछ, मखान एवं उच्च स्तरीय मिथिला पेंटिग्स के लिए प्रसिद्ध है। मिथिला के जनजीवन की विवेचना हेतु प्रस्तावित है। जनजीवन की एक विस्तृत फलक को समेटे रहती है। यह एक बड़े कैनवास पर बहुरंगी चित्रों से चित्रित होती है। बहुआयामी ही नहीं अपने परतों से निर्मित एवं रूपायित होता है किसी क्षेत्र का जनजीवन। क्षेत्र की जीवन पद्धति, सामाजिक व्यवस्था, प्रचलन या रीति-रिवाज, पर्व-त्योहार, लोकगीत, धार्मिक अनुष्ठानों, सांस्कृतिक विरासतों, लोकमानस और विश्वास, चित्रकला, शिल्प, लोकसाहित्य जैसे अनेक आयामों को आत्मसात किए जनजीवन की सरिता प्रवाहित होती रहती है। किसी क्षेत्र का जन-जीवन जीवन के सुर, ताल लय आदि से गुजित होता रहता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 गरिमा
एम.ए., पीएच.डी. (इतिहास) बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (बिहार), भारत।

  1. मिथिला इन टाªजीसन-ए. एन. ठाकुर द्वारा प्रकाशित लेखक-डाॅ0 मोहन मिश्रा, प्रकाशन द्वारा प्रकाशित दरभंगा, 2005, पृष्ठ
  2. टाªइव्स एण्ड कास्ट्स आॅफ बंगाल, रिशले एचे0 वाल्यूम-2, पृष्ठ
  3. मिथिला का इतिहास-डाॅ0 रामप्रकाश शर्मा, पृष्ठ
  4. वही पृष्ठ
  5. बिहार थ्रू द एजेज-आर आर0 दिवाकर, पृष्ठ
  6. मिथिला का इतिहास-डाॅ0 रामप्रकाश शर्मा, पृष्ठ
  7. विलट पासवान, विहंगम कादम्बिनी.
  8. मिथिला का इतिहास- डाॅ0 रामप्रकाश शर्मा.
  9. शुभद्र झा, ए.वी.ओ.आर.आई. 11 पृष्ठ 106, 126,1940.
  10. बूमेन डेभल्पमेन्ट प्रोग्राम 1988, पृष्ठ 7
  11. संस्कृति के चार अध्याय-रामधारी सिंह दिनकर
  12. सिवलीलाईजेशनल रेजिन्स आॅफ मिथिला एण्ड महाकौशल, पृष्ठ

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020
Date of Publication : 2020-07-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 45-51
Manuscript Number : SHISRRJ203352
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 गरिमा, "मिथिला का जनजीवन: एक ऐतिहासिक अध्ययन", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 4, pp.45-51, July-August.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203352

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