जमीन से जुड़े चित्रकार: डॉ0 राम शब्द सिंह

Authors(1) :-डॉ. संतोष बिंद

पूर्वांचल के ग्रामीण परिवेश के उन्हीं लोक कला तत्वों को ये कला की आधुनिक शैली में सृजित करते हैं। बचपन में खेले गये मिट्टी लकड़ी के खिलौनों, विभिन्न तीज त्योहारों व उत्सवों पर बनने वाली चित्रकारी इनकी कला का प्रमुख तत्व है। परम्परा व आधुनिकता के नवीन सम्मिश्रण ने इनकी कला को एक अलग पहचान दी है, जिसे आधुनिक शैली में प्रतीकात्मक शैली के अन्तर्गत रखा जा सकता है।

Authors and Affiliations

डॉ. संतोष बिंद
प्रवक्ता, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, हुसैनगंज, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।

जमीन,चित्रकार, डॉ0 राम शब्द सिंह, ग्रामीण, लोक-कला।

  1. रंगिनी, अगस्त 1977, वर्ष 4, अंक 84
  2. आज सायं समाचार (साप्ताहिक विशेषांक) रविवार 20 सितम्बर 1974
  3. समकालीन आधुनिक भारतीय कला पर लोक-कला का प्रभाव, वंदना शर्मा, कलावार्ता, अंक-122-123, संयुक्तांक, 2009, पृ0 37
  4. प्रो0 रामचन्द्र शुक्ल, प्रथम दृश्यकला प्रदर्शनी के अवसर पर11.74
  5. प्रो0 राम चन्द्र शुक्ल, राज्य ललित कला अकादमी लखनऊ की ओर से आमंत्रित चित्रकला प्रदर्शनी, 2008 के कैटलाग से।
  6. जयदेश गुरूवार 3 जून सन् 1976
  7. डॉ0 राम शब्द सिंह से साक्षात्कार का अंश (सहारनपुर स्थित उनके आवास पर) 2009
  8. क्षेत्रिय आवाज (पत्रिका) 2006, पृ0सं0 26
  9. प्रो0 रामचन्द्र शुक्ल (2006 में डॉ0 राम शब्द सिंह की ललित कला अकादमी, उ0प्र0 की आमंत्रित चित्रकला प्रदर्शनी के कैटलाग से)
  10. रायकृष्ण दास 1974, एक प्रदर्शनी के अवसर पर

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020
Date of Publication : 2020-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 245-249
Manuscript Number : SHISRRJ2033910
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. संतोष बिंद, "जमीन से जुड़े चित्रकार: डॉ0 राम शब्द सिंह", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 1, pp.245-249, January-February.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2033910

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