Manuscript Number : SHISRRJ2033919
गोरखपुर जनपद के शहरी (पिपरौली, खोराबार ) एवं ग्रामीण (खजनी, उरुआ ) ब्लाकों के रूपांतरण में विज्ञापनों की प्रभावी भूमिका का एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Authors(1) :-धनन्जय कुमार कुशवाहा कोई भी समाज निर्वात में स्थित नहीं होता है, सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक रूप से वह अन्य समाज और प्रणालियों से जुड़ा होता है| तकनीकी विकास के कारण जन संचार के माध्यमों से अन्य समाजों के सामाजिक सांस्कृतिक मूल्यों का चलन सभी समाज में हो रहा है| जिससे इन में वाद- संवाद की स्थिति बनी रहती है| और आवश्यकतानुसार परंपरा रीति-रिवाज अनुशासन संरचना कार्यों में परिवर्तन होता रहता है| शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता अनुसार रूपांतरण चलता रहता है, क्योंकि समाज की आवश्यकतानुसार नए मूल्यों, अपेक्षाओं, नियमों का चलन आवश्यक होता है| जिससे समसामयिक जरूरतें पूरी हो सकें| विज्ञापन इन मूल्यों के पोषण का माध्यम है| सरकार अपने राज्याधिकार में नियोजित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, जनता की भागीदारी को सुनिश्चित करने हेतु विज्ञापन के माध्यम से कार्यक्रमों, मिशनों, लक्ष्यों के बारे में सूचित करती है| जिससे जनता लाभान्वित हो और अपना जीवन स्तर सुधार कर शिक्षा, स्वास्थ्य, जागरूकता , तार्किकता में वृद्धि कर सके और मानवीय गरिमा के साथ शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के साथ जीवन यापन कर सकें|
धनन्जय कुमार कुशवाहा जनसंचार, विज्ञापन, प्रणाली, संरचना, मूल्य, भागीदारी, नियोजित लक्ष्य, जागरूकता, तार्किकता।
Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 1 | January-February 2020 Article Preview
शोध छात्र, समाजशास्त्र विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 281-295
Manuscript Number : SHISRRJ2033919
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2033919