नासिरा शर्मा की कहानियों में अभिव्यक्त: स्त्री दृष्टि

Authors(1) :-ममता यादव

रूढ़गत समाज, परम्पराएँ और दृष्टिकोण तभी परिवर्तित हो सकते हैं जब स्त्री स्वयं इनके प्रति सचेत हो जाय। लेखिका का मत है- ‘‘वह दिन बहुत करीब है जब समाज स्त्री के प्रति अपने क्रूर व्यवहार को न केवल बदलेगा बल्कि उसके प्रति अपना नजरिया खुला रखने पर भी मजबूर होगा।’’10 अर्थात् नारी यदि संकल्प कर ले तो सब कुछ संभव है, वह सभी दशाओं और दिशाओं का रूख अपनी तरफ मोड़ सकती है, आवश्यकता है तो बस दृढ़ इच्छा शक्ति की। इतिहास गवाह है कि संघर्षों का प्रमाण परिवर्तन ही रहा है जो अवश्य ही होकर रहेगा। आज भी समाज में एक बहुत बड़ा जनभाग रूढ़ और रूग्ण सोच के साथ क्रियाशील हैं। स्त्रियों के सामने उनके अधिकारों की रक्षा एक मूल प्रश्न बनकर सामने खड़ी है। महिला मन में पनपते हुए असन्तोष को लेखिकाएँ अपने लेखन के माध्यम से उसे क्रियात्मक साँचे में ढालती नजर आ रही हैं। कथाकार नासिरा शर्मा ने अपने जीवन के अनुभवों तथा आस-पास के परिवेश से कथानक गढ़े हैं जिनका स्वर समसामयिक परिस्थितियों में बदलता गया है। इनके स्त्री पात्र तथा कथानक शोषण से शोषित भी हैं, उनके विरुद्ध भी हैं तथा अपने जीवन मूल्यों के प्रति जागरूक भी हैं।

Authors and Affiliations

ममता यादव
नेट/जे0आर0एफ0, शोध छात्रा, हिन्दी विभाग, पी0जी0 कालेज, गाजीपुर, (सम्बद्ध: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उ0प्र0), भारत।

नासिरा शर्मा, कहानि, अभिव्यक्त, स्त्री, रूढ़गत समाज, आधुनिक युग संक्रमण, शिक्षा।

  1. शामीकागज, नासिराशर्मा, वाणीप्रकाशन, नईदिल्ली, संस्करण-2009, पृ0 दोशब्द,
  2. औरतकेलिएऔरत, नासिराशर्मा, सामयिकप्रकाशन, नईदिल्ली, संस्करण-2011, पृ0 6,
  3. पत्रकारसदन, पृ0 20
  4. कहानीकारनासिराशर्मा, डाॅ0 विजयकुमारराउत, अमरप्रकाशन, कानपुर, संस्करण-2016, पृ0 21
  5. नासिराशर्माकीकहानियोंमेंनारीविमर्श, डाॅ0 सोनलनंदनूरवाले, अन्नपूर्णाप्रकाशन, कानपुर, प्रथमसंस्करण-2011, पृ0 168
  6. इब्नेमरियम, नासिराशर्मा, किताबघरप्रकाशन, नईदिल्ली, प्रथमसंस्करण-1994, पृ0 372
  7. शामीकागज, नासिराशर्मा, वाणीप्रकाशन, नईदिल्ली, संस्करण-2009,
  8. पृ0 97
  9. खुदाकीवापसी, नासिराशर्मा, भारतीयज्ञानपीठ, दिल्ली, चतुर्थसंस्करण-2018, मूलपृष्ठ
  10. नासिराशर्माकीकहानियोंमेंनारीविमर्श, डाॅ0 सोनलनंदनूरवाले, अन्नपूर्णाप्रकाशन, कानपुर, प्रथमसंस्करण-2011, पृ0 143
  11. औरतकेलिएऔरत, नासिराशर्मा, सामयिकप्रकाशन, नईदिल्ली, संस्करण-2011, मूलपृष्ठ

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020
Date of Publication : 2020-07-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 06-10
Manuscript Number : SHISRRJ20342
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

ममता यादव, "नासिरा शर्मा की कहानियों में अभिव्यक्त: स्त्री दृष्टि", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 4, pp.06-10, July-August.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20342

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