Manuscript Number : SHISRRJ20360
प्रेमचंद की ग्रामीण चेतना ('सद्गति' कहानी के विशेष संदर्भ में)
Authors(1) :-प्रदीप कुमार साव प्रेमचंद ने ‘सद्गति’ कहानी के माध्यम से समाज के यथार्थ को उजागर किया है। प्रेमचंद के समकालीन समाज में प्रखर रूप से जाति-पाति, वर्गों का भेदभाव था। उस समय में ब्राह्मणों का आदर सत्कार था। बाहरी रूप से दिखावा करते थे पर आंतरिक रूप से धर्म संस्कार के नाम पर निम्न जातियों पर शोषण करता था। इस कहानी के माध्यम से प्रेमचंद ने समाज की कुरीतियों के साथ-साथ उस वर्ग को उभारते हैं जो हाशिए पर पड़ा है ।
प्रदीप कुमार साव सद्गति, भेदभाव Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020 Article Preview
शोध छात्र, हिंदी विभाग,काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, भारत।
Date of Publication : 2020-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 57-60
Manuscript Number : SHISRRJ20360
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20360