मेवाड़ में सरोवर निर्माण परम्परा

Authors(1) :-डाॅ. मधुबाला जैन

मेवाड़ दक्षिण-राजस्थान का एक ऐसा भूभाग है, जिसका उल्लेख प्राचीनतम साहित्य वैदिक साहित्य से लेकर रामायण, महाभारत, पुराण, ऐतिहासिक काव्य एवं अन्य साहित्यिक स्त्रोतांे में उपलब्ध होता है। भले ही उनका नाम भिन्न-भिन्न समय में भिन्न-भिन्न नामों से उपलब्ध होता हो। मेवाड़ क्षेत्र वर्तमान उदयपुर, चित्तौड़, राजसमन्द, भीलवाड़ा जिले एवं उनसे लगते हुए अजमेर, बूंदी, टौंक, डूंगरपुर, बांसवाड़ा के जिलांे के कुछ भाग सम्मिलित हैं।

Authors and Affiliations

डाॅ. मधुबाला जैन
सीनियर-फेलो, (आई.सी.एस.एस.आर.) मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर,राजस्थान, भारत।

मेवाड,़राजस्थान, भूभाग, साहित्य, वैदिक, भीलवाड़ा।

  1. अमरकाव्यम्-रणछोड़ भट्ट संर्ग-10ः40-44
  2. महाभारतः सभापर्व
  3. चित्रकूटचरितम्-गिरधारीलाल शास्त्री
  4. एकलिंग माहात्म्य
  5. वीरविनोद भाग-1, पृष्ठ 378-380
  6. अमरकाव्यम्, सर्ग 4ः23
  7. वहीं, सर्ग 4ः74
  8. वहीं, सर्ग 7ः52
  9. वहीं, 7ः77-78
  10. वीरविनोद भाग-1,कुम्भलमेरू के मामादेव के मन्दिर की प्रशस्ति श्लोक-223
  11. राजप्रशस्ति, सर्ग 4ः10
  12. वीरविनोद भाग-1, एकलिंग जी में दक्षिणाद्वार के सामने की प्रशस्ति श्लोक-51
  13. वहीं, कुम्भलमेरू के मामादेव के मन्दिर की प्रशस्ति श्लोक-257
  14. वीरविनोद भाग-2, जावर की प्रशस्ति
  15. वीरविनोद भाग-1, एकलिंग जी मंे दक्षिणाद्वार के सामने की प्रशस्ति, श्लोक-74,75
  16. राजप्रशस्ति, सर्ग 4ः18,19
  17. वहीं, सर्ग 8ः47-49
  18. वहीं, सर्ग 8ः41, 42
  19. राजप्रशस्ति, प्रत्येक सर्ग का अन्तिम श्लोक
  20. वहीं, सर्ग 8ः53
  21. वहीं, भूमिका-पृष्ठ 35
  22. वहीं, सर्ग 18ः16
  23. वहीं, सर्ग 24ः11,12
  24. वीर विनोद भाग-2, त्रिमुखी बावड़ी की प्रशस्ति-श्लोक-58,60
  25. जयसिंह प्रशस्ति
  26. वीर विनोद भाग-2, बड़ी पाल के पीछे दक्षिणामूर्ति मंे महादेव के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-8
  27. वीर विनोद भाग-2, सीसारमा गांव के वैद्यनाथ मंदिर की प्रशस्ति का चैथा प्रकरण, श्लोक-29
  28. वीर विनोद भाग-2, हरबेनजी के खुरे पर शिवालय की प्रशस्ति, श्लोक-25
  29. वहीं, गोवर्धन विलास में मानजी, धायभाई के कुंड की प्रशस्ति, श्लोक-10
  30. वहीं, दिल्ली दरवाजे के पास बाईजीराज के कुंड के दरवाजे के सामने पंचोलियांे के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-28
  31. वहीं, प्रभु बारातण की बाड़ी के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-11
  32. वहीं, मेवाड़ के सालेड़ा ग्राम में पूर्व दिशा वाली बावड़ी पर महादेव मन्दिर की प्रशस्ति
  33. वहीं, उदयपुर के रामप्यारी की बाड़ी के मन्दिर की प्रशस्ति, श्लोक-13

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020
Date of Publication : 2020-11-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 07-11
Manuscript Number : SHISRRJ203621
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. मधुबाला जैन, "मेवाड़ में सरोवर निर्माण परम्परा", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 6, pp.07-11, November-December.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203621

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