Manuscript Number : SHISRRJ20364
भारतीय संस्कृति पर वैश्वीकरण का प्रभाव
Authors(1) :-मदालसा मणि त्रिपाठी बाज़ार और भोगवादी संस्कृति ने वैश्वीकरण को जन्म दिया है। आज के समय में इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता । यह सभी तरह के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक आदि पहलुओं को छूता है। वर्तमान में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो इससे अछूता हो। भारतीय संस्कृति पर तो खासकर इसके प्रभाव बखूबी देखने लायक हैं। प्रस्तुत शोध पत्र में मैंने वैश्वीकरण के इसी प्रभाव को भारतीय संस्कृति के संदर्भ में देखने का प्रयास किया है। इसके सभी पहलुओं का पूर्ण रूप से विश्लेषण किया है।
मदालसा मणि त्रिपाठी संस्कृति, वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, मूल्य, देश, विश्व, विज्ञापन। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020 Article Preview
शोधार्थी, हिंदी विभाग, राजीव गाँधी विश्वविद्यालय, दोइमुख ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश
Date of Publication : 2020-10-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 80-84
Manuscript Number : SHISRRJ20364
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20364