Manuscript Number : SHISRRJ203641
सामान्य वर्ग एवं पिछ़डे वर्ग का आरक्षण व्यवस्था के प्रति दृष्टिकोण का अध्ययन
Authors(1) :-डॉ० गिरीश कुमार वत्स प्रत्येक राष्ट्र का यह नैतिक दायित्व है कि बिना किसी भेद-भाव के अपने नागरिकों को स्वयं के विकास हेतु समान अवसर प्रदान करें। भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात भारतीय संविधान में भी निम्न जातियों के उत्थान एवं विकास के लिए आरक्षण व्यवस्था के प्रावधान को स्वीकृति प्रदान की गई। जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में सदियों से व्याप्त अस्पृश्यता, भेद भाव, छुआछूत तथा असमानता को दूर करके सामाजिक समानता तथा न्याय की स्थापना के स्वप्न को साकार रूप देना था। भारत में आरक्षण व्यवस्था को लागू हुए 50 वर्षों से भी अधिक हो चुके हैं। इस समयावधि में हम सब आरक्षण व्यवस्था के परिणामों व निहितार्थों पर दृष्टिपात करते हैं तो इसके अनेक सकारात्मक एवं नकारात्मक पक्ष हमारे सामने आते हैं। इन 50 वर्षों से अधिक की समयावधि में इस व्यवस्था की सफलता असफलता, इसके सामाजिक समानता तथा न्याय की स्थापना में योगदान वर्तमान भूमंडलीकरण, बाजारवाद तथा निजीकरण की बदलती परिस्थितियों में इसकी प्रासंगिकता आदि पर विचार करना महत्वपूर्ण हो गया है। मानव समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है कि समाज के सभी अंग प्रगति करें। समाज के सभी अंगों से यहां तात्पर्य समाज के सभी वर्गों तथा क्षेत्रों के अर्थात् प्रत्येक मनुष्य के प्रगति करने से है। व्यक्ति के विकास तथा प्रगति पर उसकी सामाजिक, आर्थिक आदि परिस्थितियों का प्रभाव निश्चित रूप से पडता है। दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्ति को जीवन में आगे बढने के लिए कुछ अवसरों तथा सुविधाओं की आवश्यकता होती है तथा एक आदर्श सामाजिक एवं राजनैतिक व्यवस्था में सभी नागरिकों को स्वयं का विकास एवं प्रगति करने हेतु समान अवसर एवं सुविधाएं उपलब्ध होनी आवश्यक है।
डॉ० गिरीश कुमार वत्स सामान्य वर्ग, पिछ़ड़ा वर्ग, आरक्षण, व्यवस्था, राष्ट्र, नागरिक, सामाजिक, आर्थिक।
Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 6 | November-December 2020 Article Preview
प्राचार्य, ऐ० टी० एम० एस० कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, अछेजा, हापुड़, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-12-30
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Page(s) : 133-141
Manuscript Number : SHISRRJ203641
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203641