कृदन्‍तविमर्श- आचार्य विश्‍वेश्‍वर की दृष्टि में

Authors(2) :-भूपेन्द्र, डॉ.सत्यपाल सिंह

संस्‍कृत व्‍याकरण की परम्‍परा में आचार्य पाणिनि की अष्‍टाध्‍यायी का विशेष योगदान है। अष्‍टाध्‍यायी के सूत्रों का समय समय पर विभिन्‍न आचार्यों ने व्‍याख्‍यान किया। इसी क्रम में आचार्य विश्‍वेश्‍वर का नाम आता है। इन्‍होंने पाणिनीय सूत्रों को नवीन दृष्टि से देखने का प्रयास किया। प्रस्‍तुत शोधपत्र में कृदन्‍त प्रकरण को विषय बनाया गया है अत: यहाँ कृदन्‍त प्रकरण में प्रतिपादित सूत्रों पर ही विचार किया गया है। कृदन्‍त प्रकरण के अनेक स्‍थलों पर आचार्य विश्‍वेश्‍वरसूरि, महाभाष्‍यकार-न्यासकार-पदमंजरीकार तथा भट्टोजि दीक्षित के मत से साम्‍य रखते हैं परन्‍तु कुछ ऐसे स्‍थल भी हैं जहाँ सुधानिधिकार अपने से पूर्ववर्ती वैयाकरणों से आगे बढकर नवीन दृष्टिकोण प्रदान किया हैं। इस शोधपत्र से कृदन्‍त के वि‍षय में आचार्य विश्‍वेश्‍वर की सूक्ष्‍म दृष्टि‍ का बोध तो होता ही है साथ ही कृदन्‍त प्रकरण को समझने में यह अत्‍यन्‍त उपयोगी भी है।

Authors and Affiliations

भूपेन्द्र
शोधछात्र, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय,दिल्ली, भारत।
डॉ.सत्यपाल सिंह
एसोसिएट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, भारत।

संस्‍कृत, व्‍याकरण, कृदन्‍त, विश्‍वेश्‍वर, पाणिनि, अष्‍टाध्‍यायी

  1. विश्‍वेश्‍वरसूरि.वैयाकरणसिद्धान्‍तसुधानिधि. सम्‍पादक डॉ. सत्‍यप्रकाश दुबे, प्रकाशक राजस्‍थान पत्रिका, जोधपुर, राजस्‍थान।
  2. कालिदास.अभिज्ञानशाकुन्‍तलम्. सम्‍पादक निरुपण विद्यालंकार, प्रकाशक रतिराम शास्‍त्री साहित्‍य भण्‍डार, मेरठ।
  3. ब्रह्मदत्‍त जिज्ञासु. अष्‍टाध्‍यायी-भाष्‍य-प्रथमावृत्ति. प्रकाशक रामलाल कपूर ट्रस्‍ट सोनीपत हरियाणा
  4. वामन जयादित्‍य. काशिका न्‍यास-पदमंजरी-भावबोधिनी-सह‍िता. सम्‍पादक डॉ. जयशङ्कर लाल त्रिपाठी, डॉ. सुधाकर मालवीय. प्रकाशक तारा प्रिंटिंग वर्क्‍स वाराणसी 1984
  5. पाणिनि. अष्‍टाध्‍यायी. सम्‍पादक. आचार्य हरिदेव. नीता प्रकाशन दिल्‍ली
  6. भट्टोजि दीक्षित. वैयाकरण सिद्धान्‍तकौमुदी. सम्‍पादक गोपालदत्‍त पाण्‍डेय. प्रकाशक चौखम्‍बा विद्याभवन वाराणसी

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-10-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 122-126
Manuscript Number : SHISRRJ20370
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

भूपेन्द्र, डॉ.सत्यपाल सिंह, "कृदन्‍तविमर्श- आचार्य विश्‍वेश्‍वर की दृष्टि में", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.122-126, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20370

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