छायावाद

Authors(1) :-डाॅ0 राजेश कुमार मिश्र

कठोर नियंत्रण व बंधनों की प्रतिक्रिया स्वरूप ही स्वच्छन्दता का जन्म होता है। द्विवेदी युग में स्वच्छंद मन की प्रेममयी कतिवताएं छपती नहीं थीं। 1916 में लिखी निराला की जूही की कली को इसी के चलते किनारे कर दिया गया था। एक ओर भाषा और शैलीगत बंधन दूसरी ओर विषयगत बन्धन के चलते स्वच्छन्द प्रवृत्ति का जन्म हुआ। 1918 के बाद की सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक परिस्थितियाँ भी इस स्वच्छन्दता को प्रोत्साहित कर रहीं थीं। बढ़ती शिक्षा व्यवस्था तथा अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन भी वैचारिक स्वतंत्रता की ओर अग्रसर होने में सहायक हुआ। एक ओर शेली, कीट्स, वायरन की स्वच्छंद और मुक्त हृदय की कविता थी दूसरी ओर द्विवेदी कालीन मर्यादाशील कविता। युवा वर्ग का आकर्षण स्वच्छन्द विचारधारा की ओर उन्मुख हुआ जिसका प्रमाण बंगाल रविन्द्र नाथ टैगोर की कविता की धूम मच जाना। रविन्द्र की कविता मुक्त और स्वच्छंद मन की, मानवतावादी तथा आध्यत्मिकता की पुट लेकर आई।

Authors and Affiliations

डाॅ0 राजेश कुमार मिश्र
सहायक आचार्य, (हिंदी विभाग), मर्यादा देवी कन्या पीजी कालेज, बिरगापुर, हनुमानगंज, प्रयागराज, उत्त प्रदेश, भारत।

छायावाद, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, द्विवेदी युग

  1. हिंदी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल संस्करण 2014 पृ0 445।
  2. हिंदी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल संस्करण 2014 पृ0 444।
  3. हिंदी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल संस्करण 2014 पृ0 444।
  4. हिंदी साहित्य का इतिहास, आचार्य रामचंद्र शुक्ल संस्करण 2014 पृ0 447।
  5. हिंदी का गद्य पर्व डाॅ0 नामवर सिंह, संस्करण 2010 पृ0 121।
  6. हिंदी का गद्य पर्व डाॅ0 नामवर सिंह, संस्करण 2010 पृ0 121।
  7. हिंदी का गद्य पर्व डाॅ0 नामवर सिंह, संस्करण 2010 पृ0 122।
  8. हिंदी साहित्य व संवेदना का विकास, डाॅ0 राम स्वरुप चर्तुवेदी, संस्करण सोलहवंा 2002, पृ0 107।
  9. हिंदी साहित्य व संवेदना का विकास, डाॅ0 राम स्वरुप चर्तुवेदी, संस्करण सोलहवंा 2002, पृ0 110।
  10. हिंदी साहित्य व संवेदना का विकास, डाॅ0 राम स्वरुप चर्तुवेदी, संस्करण सोलहवंा 2002, पृ0 112।
  11. आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास, बच्चन सिंह, संस्करण 2003, पृ0 137-138।

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-10-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 127-131
Manuscript Number : SHISRRJ20371
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 राजेश कुमार मिश्र, "छायावाद", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.127-131, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20371

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