ब्राह्मणग्रन्थेषु गो महिमा

Authors(1) :-डॉ. नानूराम जाटः

शतपथब्राह्मणे प्रथमकाण्डे महीनां पयोऽसि "अस्य मन्त्रांशस्य रहस्योद्घाटनं कुर्वन्नाह - इदानीं वर्णनक्रमे ब्राह्मणग्रन्थेषु गवां महत्वं निश्चयेन भणितम्। सर्वप्रथमं ब्राह्मणविषये समासेन चिन्तनं करिष्यते। प्रथमं तावत् ब्राह्मण शब्द: विचार्यते - ब्रह्मणो वेदस्य मन्त्रराशीदं नाम यज्ञक्रिया वस्तुतत्वादि निरूपं प्रवचनं ब्राह्मणम्। ब्रह्मशब्दस्य मन्त्ररूपोऽर्थस्तु वेदैरेव विहित: तद्यथा- ब्रह्म वै मन्त्र:1 तथा पवित्रे करोति इत्यत्र पवित्रेस्थौ वैष्णव्यौ इति मन्त्रमादाय यज्ञो वै विष्णुः यज्ञिये स्थ इत्येवैतदाह।

Authors and Affiliations

डॉ. नानूराम जाटः
रा. उ. प्रा. सं. विद्यालय माताजी भोपावास चौमूँ ‚भारत।

ब्राह्मणग्रन्थेषु, गो, महिमा, शब्दः।

  1. मदीधरमाष्यम् तत्रैव।
  2. शुक्ल यजुर्वेद - 93
  3. शुक्ल यजुर्वेद - 94
  4. शतपथब्राह्मण:
  5. शुक्ल यजुर्वेद - 26
  6. शतपथ ब्राह्मण - 3.3.7
  7. शुक्ल यजुर्वेद - 27
  8. शुक्ल यजुर्वेद - 28 अध्याये।
  9. शुक्ल यजुर्वेद: - 8
  10. शुक्ल यजुर्वेद: - 21
  11. शुक्ल यजुर्वेद22
  12. शतपथ ब्राह्मण - 7.1.1.5
  13. भटभास्कर: तैतिरीय संहितायाम्
  14. सायणाचार्य:
  15. पू.मी. सूत्रम् - 2.1.7. 22-23
  16. महाभारतम् उद्योगपर्व - 16
  17. शतपथ ब्राह्मण - 1.1.5.22
  18. शतपथ ब्राह्मण 1.6.3.8.1.36
  19. शतपथ ब्राह्मण - 1.6.3.8.1.36
  20. शतपथ ब्राह्मण - 2.2.2.2.4.12
  21. शतपथ ब्राह्मण - तत्रैव
  22. शतपथ ब्राह्मण - 2.2.2.2.4.15
  23. शतपथ ब्राह्मण - 2.2.2.2.4. 16-17
  24. शतपथब्राह्मण - 2.2.2.2.4.18
  25. कात्यायनधीत सूत्रम् - 4.15.8-9-10
  26. 'शतपथब्राह्मण - 3.1.2.1.2. 13-17
  27. शतपथब्राह्मण - 3.2.4.3.1.12
  28. कात्यायन श्रीतसूत्रम् - 7.177.178
  29. शतपथ ब्राह्मण - 3.2.4.3.1.13
  30. शतपथब्राह्मण - 3.2.4.3.14
  31. शतपथब्राह्मण - तत्रैव
  32. कात्यायन श्रौतसूत्र - 7.166
  33. शतपथब्राह्मण तत्रैव
  34. शतपथ ब्राह्माण - 3.2.6.3.4.2
  35. शतपथ ब्राह्मण - तत्रैव
  36. शतपथ ब्राह्मण-4.2.3.2.4.21
  37. शतपथ ब्राह्मण - 4.3.1.3.4.7
  38. शतपथ ब्राह्मण - तत्रैव
  39. शतपथ ब्राह्मण - तत्रैव
  40. शतपथनाहाण -5.3.1.2
  41. शतपथब्राह्मण - तत्रैव
  42. शतपथ ब्राह्मण - 5.2.5.10
  43. शतपथब्राह्मण -5.3.1.3.4.18
  44. शतपथब्राह्मण-5.4.6.5.5.35
  45. शतपथब्राह्मण - 5.4.7.5.5.17
  46. 'शतपथ ब्राह्मण - 7.4.2.5.2 15-17
  47. शतपथ ब्राह्मण-7.4.2.5.2.19
  48. शतपथब्राह्मण - 7.4.3.5.2.34
  49. शतपथ ब्राह्मण-9.1.2.1.2.13
  50. तत्रैव
  51. 1 शतपथब्राह्मण - तत्रैव
  52. 1 शतपथब्राह्मण ' तत्रैव
  53. 1 शतपथ ब्राह्मण - 11.4.6.6.3.1-2
  54. 1 शतपथ ब्राह्मण - 12.2.4.4.2
  55. 2 शतपथ ब्राह्मण - 13.1.9.3
  56. 1 शतपथ ब्राह्मण - 14.1.5.2.1.7
  57. 2 तै. संहिता-7.1.6
  58. 1 शतपथ ब्राह्मण - 14.1.5.2.1.10
  59. 1 शतपथब्राह्मण – तत्रैव

Publication Details

Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020
Date of Publication : 2020-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 233-260
Manuscript Number : SHISRRJ20382
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. नानूराम जाटः, "ब्राह्मणग्रन्थेषु गो महिमा ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 3, Issue 5, pp.233-260, September-October.2020
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20382

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