Manuscript Number : SHISRRJ20388
काव्यप्रकाश के आलोक में कालिदास समीक्षा
Authors(1) :-डाॅ. नंदिता मिश्रा महाकवि के प्रति इस प्रकार की दोष दृष्टि का भी निवारण हो जाता है। जहाँ तक काव्यप्रकाशकार के बारे में कहा जा सकता है तो वे एक लक्षणग्रन्थकार हैं उसी दृष्टि से शास्त्र का निरूपण करते हैं और उदाहरण में अनेकानेक कवियों का उल्लेख करते हैं। उनकी स्वयं की दृष्टि में महाकवि कालिदास एक अद्वितीय कवि हैं जिनके लिए स्वयं उन्हें लिखना पड़ता है कालिदासादीनामिव यशः। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि आचार्य मम्मट की दृष्टि में भी महाकवि कालिदास असंदिग्ध रूप से महाकवि है।
डाॅ. नंदिता मिश्रा काव्यप्रकाश, कालिदास, दोष, शास्त्र, लक्षणग्रन्थ, मम्मट। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 5 | September-October 2020 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर,संस्कृत विभाग, जवाहर लाल नेहरू स्मारक पी.जी, काॅलेज, महाराजगंज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-09-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 295-303
Manuscript Number : SHISRRJ20388
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20388