रामायण के आलोक में हनुमच्चरित् की प्रासंगिकता

Authors(2) :-धर्मेन्द्र कुमार, डाॅ. देवनारायण पाठक

आधुनिक मनोविज्ञान के जनक विलियम जोन्स ने लिखा है कि ‘‘मनुष्य जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है। अतः यदि हनुमान् जी का स्मरण, चिंतन, दर्शन तथा आराधन किया जाये तो निश्चय ही उनके आधिदैविक तथा आध्यात्मिक गुणों का प्रभाव पड़ेगा। हमें ऐसी विभूतियों का अनुकरण करना होगा जो हमारा आध्यात्मिक उद्बोधन कर सकें। श्री हनुमान् ऐसे ही अनूठे और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के देवता हैं। श्री हनुमान् का चिंतन और स्मरण तथा उनके व्यक्तित्व का अनुकरण करने से हमें चरित्र, नैतिकता, निःस्वार्थ-सेवा, निष्काम-कर्म, अथक परिश्रम, अहंकार से मुक्ति, आध्यात्मिक अनुभूति की प्रेरणा मिलेगी तथा हम संकीर्ण भावों से ऊपर उठेंगे। टकराव और संघर्ष का परित्याग करके शांति, सद्भाव एवं मैत्री भाव से जीना प्रारम्भ कर सकेंगे।

Authors and Affiliations

धर्मेन्द्र कुमार
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज।
डाॅ. देवनारायण पाठक
संस्कृत-विभागाध्यक्ष, नेहरू ग्राम भारती मानित, विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।

रामायण, हनुमच्चरित्,दर्शन,आध्यात्मिक, महाभारत,मानव।

  1. महाभारत-शांतिपर्व-299/20
  2. भगवद्गीता-3/17
  3. किष्किन्धाकाण्ड, द्वितीय सर्ग-14
  4. किष्किन्धाकाण्ड, तृतीय सर्ग, श्लोक-2
  5. किष्किन्धाकाण्ड, पंचम सर्ग-15
  6. किष्किन्धाकाण्ड, तृतीय सर्ग, श्लोक-28
  7. युद्धकाण्ड, प्रथम सर्ग, श्लोक-6-7
  8. किष्किन्धाकाण्ड, सर्ग-44, श्लोक-17
  9. सुन्दरकाण्ड, सर्ग-1, श्लोक-118
  10. सुन्दरकाण्ड, सर्ग-59, श्लोक-118
  11. सुन्दरकाण्ड, सर्ग-35, श्लोक-4
  12. सुन्दरकाण्ड, सर्ग-35, श्लोक-10

Publication Details

Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019
Date of Publication : 2019-05-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 193-196
Manuscript Number : SHISRRJ203913
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

धर्मेन्द्र कुमार, डाॅ. देवनारायण पाठक , "रामायण के आलोक में हनुमच्चरित् की प्रासंगिकता ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 2, Issue 3, pp.193-196, May-June.2019
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ203913

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