Manuscript Number : SHISRRJ20395
मार्कण्डेय के कथा-साहित्य में प्रतिबिंबित ग्रामीण धार्मिक जीवन में विविध अंधविश्वास
Authors(2) :-डाॅ0 ममता मिश्रा, दिलीप कुमार वर्मा अज्ञान और अशिक्षा के कारण ग्रामीण जीवन में तरह-तरह के अंधविश्वास फैले रहते हैं। उनका प्रभाव ग्रामीणों के आचार-विचार, जीवन-दर्शन, विश्वास, संस्कृति और व्यक्तित्व पर स्पष्ट दिखाई देता है। मार्कण्डेय ने ग्रामीण अंधविश्वास के विविध रूपों का अंकन किया है। मार्कण्डेय के कथा-साहित्य में भूत-प्रेत और चुड़ैल सम्बन्धी मान्यताएँ, भूत-प्रेत और चुड़ैल सम्बन्धी मान्यताएँ, शुभ-अशुभ का विचार, शकुन-अपशकुन का विचार, प्राकृतिक व्यापारों में अंधविश्वास, नैतिक विश्वास, शुभ-अशुभ का विचार, शकुन-अपशकुन का विचार, प्राकृतिक व्यापारों में अंधविश्वास, नैतिक विश्वासयह वृत्ति उनके अनेक पात्रों में दृष्टिगत होती है।
डाॅ0 ममता मिश्रा कथा-साहित्य, प्रतिबिम्बित, ग्रामीण, धार्मिक जीवन, अंधविश्वास। Publication Details Published in : Volume 2 | Issue 3 | May-June 2019 Article Preview
शोध-निर्देशिका, एसोसिएट प्रोफेसर-विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मा0वि0वि0), प्रयागराज
दिलीप कुमार वर्मा
शोध-छात्र,हिन्दी, हिन्दी विभाग, नेहरू ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज
Date of Publication : 2019-05-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 127-132
Manuscript Number : SHISRRJ20395
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ20395