Manuscript Number : SHISRRJ21422
भारत में महिलाओं की वर्तमान स्थिति की, वैदिक तथा मध्यकाल की स्थिति की तुलनात्मक सामाजिक विवेचना
Authors(1) :-शीला कुमारी वर्तमान समय में भारतीय सरकार द्वारा महिलाओं के उत्थान के लिए अनेक कार्यक्रम एवं योजनाओं का क्रियान्वयन निचले स्तर तक उचित ढंग से न पहुँच सकने के कारण स़्ित्रयों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह सत्य है कि वर्तमान समय में स्त्रियों की स्थिति में काफी बदलाव आए हैं लेकिन फिर भी वह अनेक स्थानों पर पुरूष-प्रधान मानसिकता से पीड़ित हो रही है। इस सन्दर्भ में युगनायक एवं राष्ट्रनिर्माता स्वामी विवेकानन्द का यह कथन उल्लेखनीय है- ‘‘किसी भी राष्ट्र की प्रगति का सर्वोत्तम थर्मामीटर है, वहाँ की महिलाओं की स्थिति, हमें नारियों को ऐसी स्थिति में पहुँचा देना चाहिए, जहाँ वे अपने समस्याओं को अपने ढंग से स्वयं सुलझा सके। हमें नारीशक्ति के उद्वारक नहीं वरन उनके सेवक और सहायक बनना चाहिए।
शीला कुमारी भारत, महिलाओं, वैदिक, मध्यकाल, सामाजिक, भारतीय। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 1 | January-February 2021 Article Preview
पी0 एच. डी (संस्कृत), शिब्ली नेशनल पी0 जी0 कालेज़, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2021-02-28
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 108-115
Manuscript Number : SHISRRJ21422
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21422