Manuscript Number : SHISRRJ2142210
ब्रह्मवैवर्तपुराण में राधा तत्त्व एक अनुशीलन
Authors(1) :-डाॅ0 प्रभात कुमार पुराण का प्रधान लक्ष्य कृष्णचरित्र का विस्तृत वर्णन है। सृष्टि के अवसर पर परब्रह्म परमात्मा भगवान् श्रीकृष्ण स्वयं दो रूपों में प्रकट हो गये-प्रकृति और पुरूष। उनका दाहिना अंश पुरूष और बायाँ अंश प्रकृति हुआ। वही मूल प्रकृति श्रीराधा हुयी। ये ब्रह्मस्वरूपा नित्या और सनातनी है।
डाॅ0 प्रभात कुमार ब्रह्मवैवर्तपुराण, राधातत्त्व, संस्कृत,साहित्य, पुराण, संस्कृति। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 2 | March-April 2021 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती डीम्ड विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2021-04-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 146-150
Manuscript Number : SHISRRJ2142210
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2142210