जन आंदोलन से प्रभावित कविताएं और कविताओं का निहितार्थ

Authors(1) :-डॉ अर्चना त्रिपाठी

जनआंदोलन से प्रभावित कविताएँ कई सवालों-जवाबों के साथ विमर्श का रास्‍ता तैयार करती है। आज जरूरत है इन विमर्शों के द्वारा कविता के माध्‍यम से एक अलग रास्‍ता इख्तियार करने की जो समाजवाद, साम्‍यवाद की स्‍थापना कर सके।

Authors and Affiliations

डॉ अर्चना त्रिपाठी
असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।

जन, आंदोलन, कविता, निहितार्थ, समाजवाद, साम्‍यवाद|

  1. आधुनिक कविता यात्रा - रामस्वरूप चतुर्वेदी, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद।
  2. प्रगतिवादी आंदोलन का इतिहास, कर्ण सिंह चौहान, प्रकाशन संस्थान, दिल्ली।
  3. नागार्जुन रचनावली, भाग 1-2, शोभाकांत, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली।

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 5 | September-October 2021
Date of Publication : 2021-09-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 41-45
Manuscript Number : SHISRRJ214234
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ अर्चना त्रिपाठी , "जन आंदोलन से प्रभावित कविताएं और कविताओं का निहितार्थ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 5, pp.41-45, September-October.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214234

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