सुभद्रा कुमारी चैहान के साहित्य में राष्ट्रीय चेतना

Authors(2) :-देव अमर सिंह, डाॅ. अनुराग मिश्र

आधुनिक हिन्दी साहित्य के इतिहास में एक कवयित्री के तौर पर सुभद्रा कुमारी चैहान का महत्वपूर्ण स्थान है। उनकी कविताएँ अंग्रेजी साम्राज्यवाद व उपनिवेशवाद के विरोध मंे भारतीय आकांक्षाओं को बेहद तीव्रता व गहनता से मूर्त रूप प्रदान करती हैं। ‘झाँसी की रानी’ व अन्य राष्ट्रवादी कविताओं की व्यापक प्रसिद्धि के कारण उनकी पहचान मुख्यतः कवयित्री की ही रही है। सुभद्रा कुमारी चैहान ने कहानियाँ भी लिखी हैं, जो उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितना उनका काव्य-लेखन। वास्तव में, उनकी कहानियाँ काव्य-संवेदना के पूरक और अनेक संदर्भों में विस्तार के आयामों को प्रस्तुत करती हैं। स्वतन्त्रता-आन्दोलन के समय की भारतीय स्त्रियों की पहचान, उनकी सक्रियता और उनकी संभावनाओं का वृहद परिदृश्य सुभद्रा कुमारी चैहान की कहानियों से ही बनता दिखाई देता है। वह नारी-मुक्ति की आकांक्षा को स्वाधीनता-मुक्ति के बृहत परिप्रेक्ष्य में ही रखकर देखती हैं और सामाजिक ढांचे के यथास्थितिवादी चिह्नों की सटीक पहचान प्रस्तुत करती हैं। भारतीय मूल्यों की प्रतिस्थापना, सामाजिक सार्थकता और सामयिक जीवन-स्थितियों का निवेश उनकी कहानियों को ऐतिहासिक महत्व तो प्रदान करता ही है, उसे उत्तरवर्ती भारतीय जीवन के लिए भी प्रासंगिक बनता हैं।

Authors and Affiliations

देव अमर सिंह
शोधार्थी, हिन्दी विभाग, का.सु. साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या
डाॅ. अनुराग मिश्र
एसो. प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, का.सु.साकेत स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अयोध्या, (उत्तर प्रदेश)

स्वतंत्रता- आन्दोलन, औपनिवेशिक चेतना, महादेवी वर्मा, बच्चन सिंह, डाॅ. नगेन्द्र, असहयोग आन्दोलन, स्त्री-चेतना।

  1. मुकुल: सुभद्रा कुमारी चैहान, ओझा बन्धु आश्रम, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या-82।
  2. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास: डाॅ. सुमन राजे, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ संख्या-227।
  3. सुभद्रा समग्र: सुधा चैहान, द्वितीय संस्करण, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या- 146,147।
  4. सामान्य ज्ञान: सुनील कुमार सिंह, लूसेंट पब्लिकेशन, पटना (बिहार), पृष्ठ संख्या-48।
  5. सुभद्रा समग्र: सुधा चैहान, द्वितीय संस्करण, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या- 70,71।
  6. वही, पृष्ठ संख्या- 74।
  7. हिन्दी साहित्य का आधा इतिहास: डाॅ. सुमन राजे, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ संख्या- 252।
  8. सुभद्रा समग्र: सुधा चैहान, द्वितीय संस्करण, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या- 182,183।
  9. हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास: डाॅ. बच्चन सिंह, दसवां संस्करण, राधाकृष्ण प्रकाशन दिल्ली, पृष्ठ संख्या-404।
  10. सुभद्रा समग्र: सुधा चैहान, द्वितीय संस्करण, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या- 66।
  11. वही, पृष्ठ संख्या- 78।
  12. वही, पृष्ठ संख्या- 81,82।
  13. बिखरे मोती: सुभद्रा कुमारी चैहान, द्वितीय वृत्ति, उद्योग मन्दिर प्रकाशन, जबलपुर, पृष्ठ संख्या- 35।
  14. पथ के साथी: महादेवी वर्मा, लोक भारती प्रकाशन, इलाहाबाद,पृष्ठ संख्या-35।
  15. सुभद्रा समग्र: सुधा चैहान, द्वितीय संस्करण, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या- 199।
  16. वही, पृष्ठ संख्या- 225।
  17. आधुनिक हिन्दी साहित्य का इतिहास: डाॅ. बच्चन सिंह, लोक भारती प्रकाशन, इलाहाबाद, पृष्ठ संख्या-238।
  18. हिन्दी साहित्य का इतिहास: सं. डाॅ. नगेन्द्र, द्वितीय संस्करण, मयूर पेपर बैक्स, नोएडा, पृृष्ठ संख्या-519।

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 84-90
Manuscript Number : SHISRRJ214314
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

देव अमर सिंह, डाॅ. अनुराग मिश्र, "सुभद्रा कुमारी चैहान के साहित्य में राष्ट्रीय चेतना ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 3, pp.84-90, May-June.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214314

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