Manuscript Number : SHISRRJ214328
वर्तमान भारत में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता एवं महत्व - एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Authors(1) :-डॉ सुषमा पाठक भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तथा यहाँ समान धर्मनिरपेक्ष अचार संहिता का होना अति आवश्यक है। शिक्षा में वृद्धि , जागरूकता ,सद्भावना ,सामाजिक एवं धार्मिक मुद्दों पर उचित एवं वैध चर्चा करके हम समान नागरिक संहिता को वास्तव में सफल बना सकते है एवं समानता, एकता तथा एकीकरण की भावना का विकास कर राष्ट्र के विकास में तीव्रता ला सकते है |
डॉ सुषमा पाठक नागरिक, संहिता, समाजशास्त्रीय, भारत, धर्मनिरपेक्ष, राष्ट्र| Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, समाजशास्त्र, राजामोहन गर्ल्स पीजी कॉलेज, अयोध्या , उत्तर प्रदेश
Date of Publication : 2021-06-10
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 155-160
Manuscript Number : SHISRRJ214328
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214328