बृजक्षेत्र के लोक जीवन मंे लोक नाट्य

Authors(1) :-डाॅ0 रुचि पाण्डेय

भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है तथा यहाँ समान धर्मनिरपेक्ष अचार संहिता का होना अति आवश्यक है। शिक्षा में वृद्धि ए जागरूकता एसद्भावना एसामाजिक एवं धार्मिक मुद्दों पर उचित एवं वैध चर्चा करके हम समान नागरिक संहिता को वास्तव में सफल बना सकते है एवं समानताए एकता तथा एकीकरण की भावना का विकास कर राष्ट्र के विकास में तीव्रता ला सकते है

Authors and Affiliations

डाॅ0 रुचि पाण्डेय
एसोसिएट प्रोफेसर संस्कृत, आगरा काॅलेज, आगरा, उत्तर प्रदेश, प्रदेश

नागरिकए संहिताए समाजशास्त्रीयए भारतए धर्मनिरपेक्षए राष्ट्रद्य

  1. दि0 के0 वे देकर नाट्यशास्त्र एवं सांख्य दर्शन में भाव आलोचना (जनवरी-मार्च-१९६१)।
  2. भारतमुनि का नाट्यशास्त्र।
  3. डाॅ0 देवी शंकर अवस्थी-बृजभाषा काव्य में प्रेमाभक्ति।
  4. कृष्ण दत्त बाजपेयी-ब्रज का इतिहास।

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 3 | May-June 2021
Date of Publication : 2021-06-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 161-163
Manuscript Number : SHISRRJ214329
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 रुचि पाण्डेय, "बृजक्षेत्र के लोक जीवन मंे लोक नाट्य", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 3, pp.161-163, May-June.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214329

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