मानसिक स्वास्थ्य एवं योग

Authors(1) :-डॉ. विजय कुमार दाधीच

वैश्विक कोरोना Covid-19 महामारी से व्यथित समग्र संसार के प्राणियों के जीवन संरक्षण, संवर्धन व निर्वहण में सहजता व सौम्यता के लिए एक अनेक आवश्यक, अनिवार्य एवं अपरिहार्य तत्त्वों की आवश्यकता होती है। ये तत्त्व जितने स्पष्ट, स्वस्थ एवं संतुलित होते हैं, जीवन उतना ही दिव्य, भव्य होता है। यही उसके जीवन की चाह भी होती है जिसके लिए वह प्रयत्न करता रहता है। प्रसन्नता और आनंद का अनुभव जीवन का शुक्ल पक्ष कहा जाता है। इसके विपरीत जीवन में दुःख, अशांति आदि को जीवन का कृष्ण पक्ष कहा सकता है। प्रायः व्यक्ति इन दो पक्षों का अनुभव अपने जीवन में करता रहता है। उसे कभी दुःख की अनुभूति होती है तो कभी सुख की। जीवन का यह क्रम चलता रहता है। व्यक्ति के इन दो पक्षों के अनुभव की स्थिति के एक नहीं बल्कि अनेक कारण हैं। उनमें एक महत्त्वपूर्ण कारण है मानसिक स्वास्थ्य। मानसिक स्वास्थ्य जहां व्यक्ति को विकास की ओर प्रेरित करता है तो वहीं दूसरी पतन का कारण भी बनता है। अतः इस लेख में मानसिक स्वास्थ्य को सन्तुलित रखने के लिए योग को साधन के रूप में कैसे अनुप्रयुक्त किया जा सकता है व मन को समझना, उसे कैसे प्रशिक्षित करना और सही दिशा में उसका उपयोग करना आदि विषयों के आलेख में विवेचना प्रस्तुत है। जिससे व्यक्ति अतीव सुख, शांति एवं आनंद को प्राप्त कर सके।

Authors and Affiliations

डॉ. विजय कुमार दाधीच
सहायकाचार्य, शिक्षाशास्त्र, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर परिसर, जयपुर‚ राजस्थान‚ भारत।

मन, मानसिक स्वास्थ, योग, आसन, प्राणायाम, ध्यान।

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Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021
Date of Publication : 2021-07-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-09
Manuscript Number : SHISRRJ21441
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. विजय कुमार दाधीच, "मानसिक स्वास्थ्य एवं योग ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 4, pp.01-09, July-August.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21441

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