Manuscript Number : SHISRRJ214439
दक्षिण एशिया: विकास एवं सुरक्षा समस्याएँ
Authors(2) :-डाॅ0 महेश पति त्रिपाठी, सम्बद्ध-दीन दयाल उपाध्याय दक्षिण एशिया की बात करते समय, मुख्यतः सात राज्यों वाले, छोटे सशस्त्र युद्धों व आतंकी-विद्रोही गतिविधियों से पीड़ित, दुनिया के सर्वाधिक जनसंख्या वाले व स्त्रातेजिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण ऐसे क्षेत्र का मानचित्र आँखों के सम्मुख घूम जाता है, जहाँ का प्रत्येक राज्य संघर्ष के किसी-न-किसी प्रकार से ग्रस्त है। 1947 से पूर्व यह क्षेत्र राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से एक बड़ी सीमा तक एक था। क्षेत्र में नेपाल व भूटान को छोड़कर पाँच राज्य अपनी स्वतन्त्रता से पहले अंग्रेजी उपनिवेश रहे हैं। दक्षिण एशिया में सुरक्षा एवं विकास की समस्त समस्याएँ मुख्यतः कथितं शाश्वत विरोधी देशों भारत-पाकिस्तान पर ही निर्भर करती है, इसीलिए ’दक्षिण एशिया के भविष्य का कार्य विवरण संघर्ष के उन कुंजी श्रोतों के इर्द-गिर्द होना चाहिए जो क्षेत्र के अनुभवों पर आधारित हो। दक्षिण एशिया हेतु यह विचारणीय विषय सूची दो स्तरों पर होनी चाहिए। एक भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय स्तर पर और दूसरा दक्षेस के क्षेत्रीय स्तर पर। विश्वास निर्माण हेतु तकनीकी मैकेनिज्म की निरन्तर वार्ताओं पर आधारित हमारा पूर्व काल इस हेतु कार्य क्षेत्र बनेगा और बाद में यह संस्थागत स्तर ग्रहण करेगा।11 अतः दक्षिण एशिया में विकास व सुरक्षा विषयों पर मुख्य कार्य इन दोनों देशों को ही करना है। इसलिए महाशक्तियों को यहाँ से दूर देखते हुए द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग के विस्तृत कार्यक्रम के साथ, पहले से निश्चित किए गए आर्थिक, सांस्कृतिक व सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास होना चाहिए ताकि वकौल खालिदा जिया का यह ’बँटा हुआ घर’ अर्थात ’दक्षेस ’ एक एकीकृत क्षेत्रीय इकाई के रूप में सुरक्षा एवं विकास के नव आयामों के साथ अन्तर्राष्ट्रीय जगत में अपनी अलग राजनीतिक पहचान बना सके।
डाॅ0 महेश पति त्रिपाठी दक्षिण एशिया, विकास, सुरक्षा, समस्या। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 4 | July-August 2020 Article Preview
प्राचार्य, बाबू रामनरेश सिंह मेमोरियल डिग्री काॅलेज, कोना-सोनबरसा, बरही, गोरखपुर (उ0प्र0)
सम्बद्ध-दीन दयाल उपाध्याय
गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर (उ0प्र0)
Date of Publication : 2020-07-10
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 110-116
Manuscript Number : SHISRRJ214439
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ214439