प्रमुख पुराणों में श्रीकृष्ण कथा का संक्षिप्त स्वरूप

Authors(2) :-डाॅ0 संगीता अग्रवाल, सतलेश कुमार सिंह यादव

सारांश- पौराणिक ग्रन्थों में प्राचीन कथाओं, वंशावलियों, इतिहास, भूगोल के तथ्यों एवं सामान्यतः वैदिक तथा लौकिक ज्ञान-विज्ञान के समस्त पक्षों या विषयों को कालक्रम से समाविष्ट किया गया है। जिसका स्वरूप विकासशील रहा है, किन्तु अन्तिम स्वरूप वेदव्यास के द्वारा सम्पादित किया गया। पुराण में निरूपित कथाओं एवं वंशावलियों में कृष्ण-कथा एवं विष्णु के अवतारों का बृहद् स्वरूप प्राप्त होता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 संगीता अग्रवाल
एसोसिएट प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग, आर्य कन्या पी0जी0 कालेज हापुड़, उत्तर प्रदेश,भारत।
सतलेश कुमार सिंह यादव
शोधच्छात्र, आर्य कन्या पी0जी0 कालेज हापुड़, सम्बद्ध चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ,भारत।

पुराण, वैदिक, लौकिक, वेदव्यास, विष्णु, साहित्य, संस्कृत।

  1. श्रीमद्भगवद्गीता-4/7
  2. श्रीमद्भगवद्गीता-4/8
  3. श्रीमद्भागवतपुराण-10/2/26
  4. विष्णुपुराण-5/31/4
  5. विष्णुपुराण-5/31/16-20
  6. पद्मपुराण, पातालखण्ड-71/9
  7. पद्मपुराण, पातालखण्ड-81/53-58
  8. ब्रह्मवैवर्तपुराण, प्रकृतिखण्ड-1/45-59
  9. ब्रह्मवैवर्तपुराण, ब्रह्मखण्ड, अध्याय-3
  10. ब्रह्मपुराण-181/26-27
  11. ब्रह्मपुराण, अध्याय-180, श्लोक-1-2

Publication Details

Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021
Date of Publication : 2021-11-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 01-06
Manuscript Number : SHISRRJ21461
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 संगीता अग्रवाल, सतलेश कुमार सिंह यादव , "प्रमुख पुराणों में श्रीकृष्ण कथा का संक्षिप्त स्वरूप", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 4, Issue 6, pp.01-06, November-December.2021
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21461

Article Preview