Manuscript Number : SHISRRJ21476
नागार्जुन की कविताएँ : जीवन की विराटता का आख्यान
Authors(1) :-आकाश कुमार नागार्जुन आधुनिक हिंदी कविता के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में से हैं। लोक में उनकी जितनी पूछ है, अकादमिक जगत में उससे कम नहीं है। जन सामान्य से जुड़ते हुए उनकी संवेदना को पकड़कर कविता लिखने वाले विरले कवि हैं नागार्जुन। उनकी कविताएँ नारे की शक्ल में भी हैं और काव्य सौन्दर्य के पैमानों पर खरा उतरने वाली भी। मजदूरों की फटी बिवाइयों पर भी उन्होंने कविता लिखी है और नभ में गहराते बादलों पर भी। सत्ता के दमन के खिलाफ आक्रोश में लिखी गयी उनकी कविताएँ भी हैं और फुर्सत के क्षणों में पके हुए कटहल हो देखकर पुलकित होते मन से भी उन्होंने कविताएँ लिखी हैं। शायद ही जीवन का कोई कोना हो जो उनकी नज़रों से बच पाया हो। इस पत्र में नागार्जुन के काव्य लोक के इन्हीं विविध पहलुओं की पड़ताल की गयी है।
आकाश कुमार नागार्जुन, जनकवि, राजनीति, सर्वहारा, जीवन, सौन्दर्य। Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021 Article Preview
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, दाउदनगर कॉलेज, (मगध विश्वविद्यालय) दाउदनगर, औरंगाबाद, बिहार।, भारत।
Date of Publication : 2021-11-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 126-130
Manuscript Number : SHISRRJ21476
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ21476