Manuscript Number : SHISRRJ221213
प्रेमचन्द के कहानियों की रचना प्रक्रिया
Authors(1) :-डॉ. बद्री दत्त मिश्र प्रेमचंद को निरंतर आदर्श धरोहर के रूप में याद करना, दरअसल स्वयं को असली हिंदुस्तान से जोड़ना है। जो अब भी दबा कुचला है । प्रेमचंद का साहित्य ,विषमता पूर्ण इस समाज व्यवस्था के प्रति आक्रोश ही नहीं पैदा करता ,बल्कि तो उसे बदलने के लिए एक तीव्र छटपटाहट और बेचैनी से भी हमें भर देता है। यही कारण है की मनुष्य से गहरी मोहब्बत करने वाले लेखकों को प्रेमचंद बराबर याद रहते हैं ।
डॉ. बद्री दत्त मिश्र प्रेमचंद, आदर्श, धरोहर, साहित्य, मनुष्य, सामाजिकता, किसान, मजदूर, महाजन, भिखारी, पंडित, पुरोहित, हरिजन, जमीदार, पत्रकार, उद्योगपति। Publication Details Published in : Volume 3 | Issue 2 | March-April 2020 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, फीरोज़ गांधी कालेज, रायबरेली, उत्तर प्रदेश, भारत।
Date of Publication : 2020-03-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 151-155
Manuscript Number : SHISRRJ221213
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ221213