नवीन विष्व व्यवस्था और भारतीय विदेष नीति

Authors(1) :-मदन कुमार वर्मा

भारत ने अब विचारधारा को छोड़कर राश्ट्रीय हित के आधार पर विदेष नीति के निर्धारण का संकल्प लिया है। भारत द्वारा 1998 में किया गया परमाणु विस्फोट इसी नीति का परिचायक है। इसके साथ-साथ भारत द्वारा न्ण्छण्व्ण् के लोकतंत्रीकरण की मांग भारत के राश्ट्रीय हित के साथ-साथ विष्वहित से भी प्रेरित है। भारत ने अपने राश्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर उत्तर से सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास किया है। उक्त सभी तथ्यों की प्राप्ति हेतु नवीन विष्व व्यवस्था में भारत ने देष के अंदर राश्ट्रीय सहमति के माध्यम से पाने का प्रयास किया है। संक्षेप में हम कह सकते है कि नई विष्व व्यवस्था में भारतीय विदेष नीति अधिकाधिक वैष्विक स्तर पर स्वावलम्बी बनने का प्रयास कर रही है।

Authors and Affiliations

मदन कुमार वर्मा
एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र, उपाधि (पी.जी.) महाविद्यालय, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश।

नवीन विश्व, व्यवस्था, भारतीय, विदेश नीति।

  1. नौटियाल अन्नपूर्णा/भारत और नई विष्व-व्यवस्था/साउथ ऐषियन प्रकाषन, नई दिल्ली/वर्श 1996/पृश्ठ सं0 10-11।
  2. द हिन्दू 12 मई 1992।
  3. के0 नटवर सिंह/एन्वाइस-लेस-नेषन/इंडियन एक्सपे्रस/10 अगस्त 1993।
  4. उद्वरित/फारेन पालिसी आफ इंडिया/नई-दिल्ली/लोकसभा सचिवालय/1987/ पृश्ठ संख्या 5।
  5. अन्य स्व अध्ययन पर आधारित विचार।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-01-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 14-21
Manuscript Number : SHISRRJ22512
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

मदन कुमार वर्मा, "नवीन विष्व व्यवस्था और भारतीय विदेष नीति ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 1, pp.14-21, January-February.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22512

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