व्यक्तित्व विकास में यम-नियम की भूमिका का विवेचनात्मक अध्ययन

Authors(2) :-डाॅ0 मलिक राजेन्द्र प्रताप, सूरज सिंह

प्रस्तुत शोधपत्र में व्यक्तित्व विकास में योग के महत्व का शास्त्रीय अध्ययन किया गया है। यम-नियम योग साधना की नींव (आधार) के रूप में कार्य करते हैं। जिस प्रकार किसी भवन की नींव जितनी सुदृढ़ होती है, वह भवन भी उतना ही मजबूत और टिकाऊ होता है, ठीक उसी प्रकार योग साधनारूपी भवन की नींव में यम और नियम का पालन करना होता है। यम-नियम का पालन करने से योग साधक की साधना शीघ्र फलीभूत होने लगती है। जिस प्रकार योग साधक को साधना के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए यम-नियम पालन की आवश्यकता होती है ठीक उसी प्रकार आधुनिक समय में जन सामान्य यम-नियम को अपनी दिनचर्या का अंग बनाकर इनके लाभों (फलों) से अपने व्यक्तित्व को परिष्कृत कर सकता है। पाँच यम और पाँच नियम मनुष्य के व्यक्तित्व को श्रेष्ठ गुणों से सम्पन्न बना सकते हैं। मनुष्य के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक और आत्मिक उन्नति को नई दिशा प्रदान करता है और यही आधुनिक समय में व्यक्तित्व के आयाम कहलाते हैं। आधुनिक समय में यम-नियम का पालन करता हुआ मनुष्य शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक और आत्मिक उन्नति के साथ ही महान व्यक्तित्व का धनी बन सकता है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 मलिक राजेन्द्र प्रताप
विभागाध्यक्ष, योग विभाग, एम0 बी0 राज0 स्ना0 महा0, हल्द्वानी (नैनीताल)
सूरज सिंह
शोधार्थी, योग विभाग, निर्वाण विश्वविद्यालय, जयपुर

यम, नियम, अष्टांग योग, व्यक्तित्व।

  1. हरिकृष्णदास गोयन्दका, योग दर्शन, पृष्ठ संख्या 63
  2. हरिकृष्णदास गोयन्दका, योग दर्शन, पृष्ठ संख्या 63
  3. मा गृधः कस्यस्चिद्धनम्।। ईशोपनिषद् मन्त्र संख्या 01
  4. ब्रह्मचर्पेण तपसा देवा मृत्युमपाध्नत।। अथर्ववेद ब्रह्मचर्य सूक्त।।
  5. हरिकृष्णदास गोयन्दका, योग दर्शन, पृष्ठ संख्या 65
  6. हरिकृष्णदास गोयन्दका, योग दर्शन, पृष्ठ संख्या 70
  7. सन्तोष मूलं हि सुखं दुःखमूलं विपर्ययः।। मनुस्मृति 4/12
  8. तपो द्वन्द्व सहनम्।। 2/32 व्यास भाष्य।
  9. स्वाध्यायो मोक्षशास्त्राणामध्ययनं प्रणव जपो वा।। व्यासभाष्य 2/32
  10. ईश्वर प्रणिधानं तस्मिन्परमगुरौ सर्वकर्मार्पणम्।। व्यास भाष्य 2/3

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-02-10
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 51-56
Manuscript Number : SHISRRJ22518
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 मलिक राजेन्द्र प्रताप, सूरज सिंह, "व्यक्तित्व विकास में यम-नियम की भूमिका का विवेचनात्मक अध्ययन ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 1, pp.51-56, January-February.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22518

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