मानस के संदर्भित भाव -डॉ जयशंकर शुक्ल

Authors(1) :-डॉ. जय शंकर शुक्ल

श्री रामचरित मानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इस ग्रंथ में जीवन के बहुत सारे रहस्य और प्रक्रिया गत सत्य को आकार देने का काम किया गया है। यहां पर जीवन जीने के तरीके को स्पष्ट करने के लिए रचनाकार ने विविध संदर्भों को ग्रहण करके अपनी बात को करने का प्रयत्न किया है । साथ ही साथ गोस्वामी तुलसीदास जी का आग्रह है, कि हम जीवन जीने के लिए जब कभी भी सत्य के प्रति आग्रही होकर आगे की ओर बढ़ने का यत्न कर रहे हो तो ऐसे समय में हमें चाहिए कि हम तमाम अंतरविरोधों को एक तरफ रख कर के सच्चे मन से पवित्र आचरण का आश्रय लेकर आत्म साक्षात्कार की ओर आगे बढ़े। इस क्रम में हमें संसार में जीते हुए ही कमल के पत्ते की तरह जल से लिप्त न होने के सदृश जीवन यापन करना होगा। वास्तव में मानस जन सामान्य के साथ-साथ संतों का भी ग्रंथ है। संत से हमारा तात्पर्य जिसके शंकाओं का अंत हो गया। हम सभी संत बनने की प्रक्रिया में बढ़ते हुए निरंतर उस परम सत्य की खोज में लगे रहते हैं। हमारा अनुसंधान जैसे ही पूरा होता है, हम मौन हो जाते हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी का श्रीरामचरितमानस इस अनुसंधान में हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है, ऐसा मेरा प्रबलमत है। प्रस्तुत शोध आलेख में इसी बात को बड़े ही भावपूर्ण तरीके से श्री रामचरितमानस की चौपाइयां और लोगों को लेकर स्पष्ट करने का प्रयास है।

Authors and Affiliations

डॉ. जय शंकर शुक्ल
विषय विशेषज्ञ, कोर एकेडमिक यूनिट, परीक्षा शाखा, शिक्षा विभाग, शिक्षा निदेशालय, पुराना सचिवालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

व्याख्या, आशय, विवेचन, प्रासंगिक, प्रकरण, दृष्टिकोण, वक्तव्य, प्रशिक्षण, वातावरण, मानदंड, सकारात्मक, तात्पर्य, चौपाई, दोहा, सोरठा, छंद, वर्णन एवं विश्लेषण।

  1. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015
  2. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015
  3. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015
  4. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015
  5. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015
  6. श्रीरामचरितमानस', लेखक -गोस्वामी तुलसीदास, टीकाकार-हनुमान प्रसाद पोद्दार, प्रकाशक- गीता प्रेस गोरखपुर, प्रकाशन वर्ष- 2015

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022
Date of Publication : 2022-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 16-22
Manuscript Number : SHISRRJ22525
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. जय शंकर शुक्ल, "मानस के संदर्भित भाव -डॉ जयशंकर शुक्ल", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 2, pp.16-22, March-April.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22525

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