जन आंदोलनकारी कविता

Authors(1) :-डॉ अर्चना त्रिपाठी

जन आंदोलन से प्रभावित कविताओं के यदि विस्तार और महत्वपूर्ण पक्ष और ठोस पक्ष की बात की जाए तो जन आंदोलनकारी कविताओं के साथ प्रतिबंधित साहित्य को जोड़कर देखा जा सकता है जिसमें जन आंदोलन से प्रभावित कविताओं की ही तरह आक्रोश और जन-जन को शोषण के प्रति विरोध करने का आवाह्न हुआ है।

Authors and Affiliations

डॉ अर्चना त्रिपाठी
असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारत।

जन, आंदोलन, कविता, शोषण, सामाजिक, दासता|

  1. नागार्जुन - खिचड़ी विप्लव देखा हमने, यात्री प्रकाशन, दिल्ली
  2. साठोत्तरी कविता विद्रोही प्रतिमान, रतन कुमार पांडेय, अनंग प्रकाशन, दिल्ली
  3. नक्सलबाड़ी आंदोलन और समकालीन हिंदी कविता, देवेंद्र, मेधा बुक्स, दिल्ली
  4. प्रगतिशील कविता: कल और आज, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
  5. बिसात ए रक्स - मोयुद्दीन मखदूम , पीपुल्स पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली
  6. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, कविताएं 1, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली
  7. किसान आंदोलन की साहित्यिक जमीन, अंतिका प्रकाशन, गाजियाबाद।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 2 | March-April 2022
Date of Publication : 2022-04-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 52-59
Manuscript Number : SHISRRJ22529
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ अर्चना त्रिपाठी, "जन आंदोलनकारी कविता ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 2, pp.52-59, March-April.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22529

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