एसिड हमला: महिलाओं के साथ-साथ समाज को भी विद्रूपित करता है

Authors(2) :-रमेश चन्द्र, डाॅ0 स्वप्निल त्रिपाठी

भारतीय समाज में महिलाओं को सदैव से ही उच्च स्थान प्राप्त रहा है जहाँ एक ओर इनकी पूजा होती रही वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ दुष्ट वर्ग द्वारा इनके प्रति अत्याचार एवं दुष्टता की जाती रही है महिलायें निरन्तर काल से हिंसा का शिकार होती है इनके प्रति अनेक प्रकार की हिंसा कारित की जाती रही है आज के युग में हिंसा कारित करने का एक अन्य अस्त्र अम्ल को भी बना लिया गया है। अम्ल प्रहार के माध्यम से महिला के केवल शरीर पर हमला नहीं किया जाता है बल्कि उसकी आत्मा को भी झकझोर कर रख दिया जाता है।

Authors and Affiliations

रमेश चन्द्र
शोध छात्र (विधि संकाय), नेहरू ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज, उ0प्र0, भारत
डाॅ0 स्वप्निल त्रिपाठी
सहायक आचार्य (विधि संकाय), नेहरू ग्राम भारती (मानित विश्वविद्यालय), प्रयागराज, उ0प्र0, भारत

महिला, एसिड अटैक, संवेदनशीलता, विधिक सहायता

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Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 50-61
Manuscript Number : SHISRRJ22538
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

रमेश चन्द्र, डाॅ0 स्वप्निल त्रिपाठी, "एसिड हमला: महिलाओं के साथ-साथ समाज को भी विद्रूपित करता है", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.50-61, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ22538

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