Manuscript Number : SHISRRJ225468
विद्यापतिक जीवन-वृत्त आ रचना
Authors(1) :-राजीव कुमार झा मैथिली साहित्यक तोरण द्वार पर स्वर्णाक्षरमे अपन नाम अंकित करौनिहार- महाकवि विद्यापति भारतीय कवि परम्पराक शालीनताक निर्वहन करैत, अपना विषयमे किछु नहि लिखने छथि। प्रारंभमे बंगाली विद्वान लोकनि हिनका बंगलाक कवि मानैत छलाह मुदा बादमे राजकृष्ण मुखोपाध्याय हिनक परिचयकेँ सौझरौलनि आ डाॅ॰ ग्रियर्सन हिनक पूर्वज लोकनिक परिचय प्रकाशित कयलनि। विद्वान प्राध्यापक, समीक्षक, साहित्यकार डाॅ॰ शैलेन्द्र मोहन झा लिखने छथि- “सर्वप्रथम राजकृष्ण मुखोपाध्याय 1875 ई॰मे बंग दर्शन (ज्येष्ठ अंक)मे विद्यापतिक मैथिलत्वकेँ प्रमाणित क’ हुनक अधिवासक समस्याकेँ सोझारौलनि। पश्चात डाॅ॰ ग्रियर्सन एकर समर्थन कयलनि आ मिथिलाक पंजीक अनुशीलन क’ अपन ‘मैथिली क्रेस्टोमैथी (1882 ई॰) नामक ग्रंथमे विद्यापतिक प्राक्तन सात पुरुष ओ अधस्तन बारह पुरुषक नामावली प्रकाशित कयलनि।“
राजीव कुमार झा Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022 Article Preview
शोधार्थी, पूणियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ,भारत।
Date of Publication : 2022-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 129-142
Manuscript Number : SHISRRJ225468
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225468