विद्यापतिक जीवन-वृत्त आ रचना

Authors(1) :-राजीव कुमार झा

मैथिली साहित्यक तोरण द्वार पर स्वर्णाक्षरमे अपन नाम अंकित करौनिहार- महाकवि विद्यापति भारतीय कवि परम्पराक शालीनताक निर्वहन करैत, अपना विषयमे किछु नहि लिखने छथि। प्रारंभमे बंगाली विद्वान लोकनि हिनका बंगलाक कवि मानैत छलाह मुदा बादमे राजकृष्ण मुखोपाध्याय हिनक परिचयकेँ सौझरौलनि आ डाॅ॰ ग्रियर्सन हिनक पूर्वज लोकनिक परिचय प्रकाशित कयलनि। विद्वान प्राध्यापक, समीक्षक, साहित्यकार डाॅ॰ शैलेन्द्र मोहन झा लिखने छथि- “सर्वप्रथम राजकृष्ण मुखोपाध्याय 1875 ई॰मे बंग दर्शन (ज्येष्ठ अंक)मे विद्यापतिक मैथिलत्वकेँ प्रमाणित क’ हुनक अधिवासक समस्याकेँ सोझारौलनि। पश्चात डाॅ॰ ग्रियर्सन एकर समर्थन कयलनि आ मिथिलाक पंजीक अनुशीलन क’ अपन ‘मैथिली क्रेस्टोमैथी (1882 ई॰) नामक ग्रंथमे विद्यापतिक प्राक्तन सात पुरुष ओ अधस्तन बारह पुरुषक नामावली प्रकाशित कयलनि।“

Authors and Affiliations

राजीव कुमार झा
शोधार्थी, पूणियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ,भारत।

  1. विद्यापति- डाॅ. शैलेन्द्र मोहन झा, मैथिली अकादमी, पटना 1989, पृष्ठ सं. - 4
  2. मैथिली साहित्यक इतिहास - डाॅ. दुर्गानाथ झा ‘श्रीश’, भारती पुस्तक केन्द्र, दरभंगा, 1991, पृष्ठ सं. - 81
  3. मैथिली साहित्यक इतिहास - डाॅ. दुर्गानाथ झा ‘श्रीश’, भारती पुस्तक केन्द्र, दरभंगा, 1991, पृष्ठ सं. - 83
  4. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 83, 84
  5. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 83
  6. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 86
  7. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 89-90
  8. प्रबंध संग्रह - रमानाथ झा, शेखर प्रकाशन, पटना, 2019, पृष्ठ सं. - 69
  9. मैथिली साहित्यक इतिहास - डाॅ. दुर्गानाथ झा ‘श्रीश’, भारती पुस्तक केन्द्र, दरभंगा, 1991, पृष्ठ सं. - 91
  10. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 87
  11. विद्यापति काव्यालोचन - डाॅ. बासुकिनाथ झा, मैथिली अकादमी, पटना 2018, पृष्ठ सं. - 19
  12. उपरोक्त, पृष्ठ सं. - 21

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 129-142
Manuscript Number : SHISRRJ225468
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

राजीव कुमार झा, "विद्यापतिक जीवन-वृत्त आ रचना", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.129-142, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225468

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