दलित विमर्श के साहित्यिक-संदर्भ

Authors(1) :-डाॅ0 विवेक सिंह

हिन्दी साहित्य में नागार्जुन, रेणू, नेमिशराय, नरेश मेहता, सुखलाल, जय प्रकाश कर्दम जैसे नाम ‘मैं भंगी हूँ’ ‘बलचमा’, छप्पर, जूठन अपने अपने पिंजड़े, शबरी कृतियों के साथ चर्चित हैं सतींद्र सिंह, गुरूदयाल सिंह, प्रेमगोरखी इन पंजाबी हस्ताक्षरों के संग बुदण्ण हिमगिरे, इनाम अवलिका, रंगनायकम्प, ओ0पी0 विजयन नम्बुदिरिका जैसी प्रतिभाएँ कर्नाटक, उड़िया, मलयालम दलित साहित्य में सक्रिय हैं। सदियों से नकारे गये, आदिवासी बहुजनों का दलित साहित्य मंगलमयी मूल्यों तथा सत्याभिव्यक्ति के कारण भारत एवं भारतेतर देशों के साहित्य में सम्मानित हो रहा है युगीन प्रवृत्तियों को परिलक्षित और उन्हें मानवता की ओर प्रवृत्त कर रहा है यही इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

Authors and Affiliations

डाॅ0 विवेक सिंह
सहायक आचार्य, हिन्दी विभाग, कमला नेहरू पी0जी0 कॉलेज, तेजगॉव, रायबरेली।

दलित, विमर्श, साहित्यिक, आदिवासी, सत्याभिव्यक्ति।

  1. कुल्ली भाट- सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
  2. गोदान- मुंशी प्रेमचन्द
  3. धरती धन न अपना - जगदीशचन्द्र
  4. शबरी- नरेश मेहता
  5. जूठन-
  6. मैं भंगी हूँ-
  7. हंस पत्रिका दलित विमर्श विशेषांक।

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 3 | May-June 2022
Date of Publication : 2022-06-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 204-208
Manuscript Number : SHISRRJ225481
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 विवेक सिंह, "दलित विमर्श के साहित्यिक-संदर्भ ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 3, pp.204-208, May-June.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225481

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