Manuscript Number : SHISRRJ225517
भारतीय समाज में अन्तर्निहित स्त्रियों की स्थिति, सामाजिक समस्याएं एवं उनके विविध अधिकार
Authors(1) :-कविता कनौजिया
किसी भी सभ्य समाज की स्थिति उस समाज में स्त्रियों की दषा देखकर ज्ञात की जा सकती है। स्त्रियों की स्थिति में समय के साथ परिवर्तन होता रहा । जिससे स्त्रियों की स्थिति में में दिन-प्रतिदिन गिरावट आती गई। प्राचीन समाज में स्त्रियों को पुरुशों के समान अधिकार प्राप्त थे। किन्तु प्राचीन समाज से लेकर आधुनिक कहे जाने वाले समाज तक स्त्रियां उपेक्षित हो रही हैं। भारतीय संविधान में पुरुशों एवं स्त्रियों को समान दर्जा अधिकार दिये जाने के बावजूद भी स्त्रियां विकास और सामाजिक स्तर की दृश्टि से पुरुशों से काफी पीछे हैं। विडम्वना तो यह है, कि इतने सारे कानूनी प्रावधान होने के बावजूद देष में स्त्रियों पर होने वाले अत्याचारों में कमी होने के बजाय वृद्धि हो रही है। षिक्षा का विस्तार स्त्री के उत्थान में मील का पत्थर साबित हो रहा है। इसलिए जरुरी हो गया है, हर स्त्री को षिक्षा और सुरक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाए।
कविता कनौजिया
भारतीय, समाज, अन्तर्निहित, स्त्रिय, समाजिक, विविध। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 5 | September-October 2022 Article Preview
असि0 प्रो. समाजशास्त्र विभाग, उपाधि महाविद्यालय, पीलीभीत, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2022-10-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 78-85
Manuscript Number : SHISRRJ225517
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225517