बिहार की अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम: एक ऐतिहासिक विश्लेषण

Authors(1) :-डाॅ. अजय कुमार

अनुसूचित जातियों से संबंधित कोई बड़ा हादसा नहीं हो जाता है अथवा कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता तब तक प्रायः मीडिया भी सचेत नहीं होती है। मीडिया को लोकतंत्र का चैथा स्तंभ माना गया है तो यह जरूरी हो जाता है कि वह समाज के हर तबके के प्रति अपने कर्त्तव्यों का पालन बखूबी करे। यहाँ पर राज्यसभा टी.वी. चैनल द्वारा चलाये गए ‘मैं भी भारत’ कार्यक्रम का जिक्र लाजिमी हो जाता है। अनुसूचित जातियों के जीवनचर्या पर आधारित इस कार्यक्रम ने कुछ हद तक जरूर भारत के जनजातीय समुदाय की पहचान को मुखर करने का काम किया है। बिहार में नई एनडीए सरकार बनने के बाद राज्य के 4 आयोगों को भंग कर दिया गया है. नीतीश सरकार ने अति पिछड़ा आयोग, महादलित आयोग, राज्य अनुसूचित जाति आयोग और राज्य अनुसूचित जनजाति (एसटी) आयोग को भंग करने का फैसला लिया है।

Authors and Affiliations

डाॅ. अजय कुमार
विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग राजकीय डिग्री महाविद्यालय बगहा (पश्चिम चंम्पारण)

अनुसूचित जाति, जीवनचर्या, जनजातीय समुदाय, महादलित आयोग।

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Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 6 | November-December 2022
Date of Publication : 2022-12-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 150-154
Manuscript Number : SHISRRJ225710
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ. अजय कुमार, "बिहार की अनुसूचित जातियों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम: एक ऐतिहासिक विश्लेषण ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 6, pp.150-154, November-December.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ225710

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