अभिज्ञानशाकुन्तल में नैतिक मूल्य एक विमर्श

Authors(2) :-डॉ. देवनारायण पाठक, विजय कुमार पटेल

प्राचीन भारतीय महापुरूषों ने जिन नैतिक मूल्यो की स्थापना की है वे जीवन के व्यक्तिगत हितों की ओर प्रेरित करते हुए सामाजिक हित को ध्यान में रखकर अन्तिम उद्देश्य मोक्ष को प्राप्त करना ही अनिवार्य बताया है। मनुष्यों के आचारों-व्यहारों का निर्धारण नैतिक मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में समाज के एक बड़े समूह द्वारा अनुमोदित होता है। इसलिए मनुष्यों का आचरण उनकी स्वाभाविक विशिष्टताओं एवं सामाजिक वातावरण का परिणाम होता है। लेकिन जब मानव समाज के एक अंग के रूप में मानव समाज द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार आचरण नहीं करता है तब सामाजिक या वैयक्तिक मूल्यों के प्रति असंवेदनशील हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप नैतिक मूल्यों एवं सामाजिक मूल्यों का महत्व कम हुआ है। अतः व्यक्तियों को सामाजिक मूल्यों मानदण्डों के अनुसार ही आचरण करना चाहिए। सामाजिक मूल्यों या वैयक्तिक मूल्यों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। जिससे नैतिक व आदर्श युक्त समाज की स्थापना हो सके।

Authors and Affiliations

डॉ. देवनारायण पाठक
शोधनिर्देशक, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्रामभारती (मानित वि.वि.), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।
विजय कुमार पटेल
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्रामभारती (मानित वि.वि.), प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत।

नैतिक मूल्य, अभिज्ञानशाकुन्तल‚ कालिदास‚ जीवन‚ सामाजिक‚ समूह।

  1. अभिज्ञानशाकुन्तलम् – डॉ. कपिलदेव द्विवेदी, रामनारायण लाल विजय कुमार 2, कटरा रोड इलाहाबाद, सन् 2015
  2. संस्कृत वाङ्मय का वृहद् इतिहास – आचार्य बलदेव उपाध्याय, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ, प्रथम संस्करण, सन् 2000
  3. कालिदास और उनका युग – गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, राका प्रकाशन इलाहाबाद, प्रथम संस्करण, सन् 1998
  4. मूल्य मीमांक्षा - गोविन्द चन्द्र पाण्डेय, राका प्रकाशन, द्वितीय संस्करण सन् 2005
  5. सौन्दर्य-मूल्य और मूल्यांकन – रमेश कुंतलमेघ, प्रतिश्रुति प्रकाशन कोलकाता, प्रथम संस्करण, सन् 2017

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023
Date of Publication : 2023-01-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 67-75
Manuscript Number : SHISRRJ23620
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. देवनारायण पाठक, विजय कुमार पटेल , "अभिज्ञानशाकुन्तल में नैतिक मूल्य एक विमर्श", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 1, pp.67-75, January-February.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23620

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