वैदिक देव वरुण

Authors(1) :-लक्ष्मण तिवारी

उत्तर–वैदिक काल अर्थात् ब्राह्मणों में वरुण का मुख्य रूप से रात्रि–गगन के साथ सम्बन्ध बताया गया है। उदाहरण के रूप में यह बताया गया है कि मित्र ने दिन को जन्म दिया तथा वरुण ने रात्रि को जन्म दिया। शतपथ के अनुसार यह लोक मित्र है और द्युलोक वरुण है।

Authors and Affiliations

लक्ष्मण तिवारी
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, कला संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत।

उत्तर–वैदिक, काल, प्राकृतिक, वरुण, देवता, प्राणी।

  1. ऋ॰ 5‍।63।4
  2. ऋ॰ 5।62।8, 5।63।1, 5।68।5
  3. ऋ॰ 7।87।3
  4. वेद मासो धृतव्रतो द्वादश प्रजावतः। ऋ॰ 1।25।8
  5. वि ये दधुः शरदं मासमादहर्यज्ञमक्तुं चादृचम्।
  6. प्र सीमादित्यो असृजद्विधर्ताँ ऋतं सिन्धवो वरुणस्य यन्ति।
  7. न श्राम्यन्ति न वि मुञ्चन्त्येते॥ ऋ॰ 2।28।4
  8. मित्रोहरजनयद्वरुणो रात्रिम्। तै॰ सं॰ 6।4।8।3
  9. मैत्रं वा अहर्वारुणी रात्रिः। तै॰ सं॰ 2।1।7।4
  10. वरुण शब्दस्यान्धकारवदावरकवाचित्वात् । तै॰ सं॰ (सायण) 1।8।16।1
  11. अन्धकारेणावरणहेतुत्वाद्रात्रेर्वारुणत्वम्। तै॰ सं॰ (सायण) 2।1।7।4

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023
Date of Publication : 2023-01-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 128-130
Manuscript Number : SHISRRJ23628
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

लक्ष्मण तिवारी, "वैदिक देव वरुण", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 1, pp.128-130, January-February.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23628

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