Manuscript Number : SHISRRJ23644
किशोरी छात्राओं के मध्य मानसिक स्वास्थ्य के संवेगात्मक परिप्रेक्ष्य का अध्ययन
Authors(1) :-सपना शाही मानसिक स्वास्थ्य मानव जीवन के मानसिक, शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक पहलुओं के मध्य संतुलन की स्थिति है। जिससे व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का ज्ञान होता है। मानव विकास क्रम में किशोरावस्था एक संक्रामक अवधि है, संवेगात्मक अस्थिरता, विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने में समायोजन की कमी तथा अपने माता-पिता एवं शिक्षक को समझनें में कमी इत्यादि को प्रकट करती है, किशोरी छात्राएं भी अधिक संवेगात्मक स्थिरता का सामना करती हैं जिसका प्रभाव उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। परिवार एवं विद्यालय किशोरियों के व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव में वृद्धि देखी गयी है। इसलिए वर्तमान शोध का उद्देश्य उत्तराखण्ड के ऊधमसिंह जिले के माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत जनजातीय किशोरी छात्राओं के मध्य मानसिक स्वास्थ्य के संवेगात्मक परिपे्रक्ष्य का अध्ययन करना है। शोधकत्र्ताओं के द्वारा स्तरीकृत यादृच्छिक नमूनाकरण द्वारा 120 जनजातीय (थारू एवं बुक्सा) किशोरी छात्राओं को चयनित किया गया है। आँकड़ों के संग्रहण हेतु प्रो0 ढौंढियाल (2006) द्वारा विकसित संवेगात्मक अस्थिरता प्रश्नावली को प्रयुक्त किया गया तथा आँकड़ों के विश्लेषण हेतु प्रतिशत, मध्यमान, मानक विचलन एवं टी परीक्षण सांख्यिकी का प्रयोग किया गया। निष्कर्षों में जनजातीय किशोरी छात्राओं के मध्य संवेगात्मक स्थिरता में अन्तर पाया गया।
सपना शाही मानसिक स्वास्थ्य, संवेगात्मक स्थिरता, किशोरी छात्राएं। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 4 | July-August 2023 Article Preview
शोध छात्रा, शिक्षाशास्त्र विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल।
Date of Publication : 2023-07-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 16-22
Manuscript Number : SHISRRJ23644
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23644