Manuscript Number : SHISRRJ23654
प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा के केन्द्र के रूप में तक्षशिला विश्वविद्यालय
Authors(1) :-संतोष कुमार पाण्डेय
प्राचीन भारतीय संस्कृति का स्वर्णिम पक्ष उसकी शिक्षण प्रणाली ही रही है। जिसके कारण भारतीय संस्कृति को जगत शिरोमणि की उपाधि से विभूषित किया गया। प्राचीन काल में भारत शिक्षा प्रणाली एक ऐसा प्रभावशाली तंत्र था जिसने तत्कालीन सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा शैक्षणिक व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के साथ-साथ उन्हें सकारात्मक गति भी प्रदान की। प्राचीन काल में भारतीय शिक्षण प्रणाली को स्थापित तथा विकसित करने में तक्षशिला विश्वविद्यालय की मुख्य भूमिका रही है। इस शोध पत्र में तक्षशिला विवविद्यालय की शिक्षण प्रणाली का वर्णन किया गया है। प्राचीन काल में तक्षशिला विश्वविद्यालय न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी उच्च शिक्षा के केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध था।1 कई प्रसिद्ध आचार्य यहाँ पर निवास करते थे, जिनके ज्ञान, प्रसिद्धि से आकर्षित होकर दूर-दूर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने यहाँ पर आते थे।2 यह विश्वविद्यालय त्रयी (तीनों वेद), दण्डनीति, वार्ता, दर्शनशास्त्र, शिल्पकला, आयुर्वेद, धनुर्विद्या जैसी विधाओं के अध्ययन-अध्यापन के लिए समस्त विश्व में प्रसिद्ध था।
संतोष कुमार पाण्डेय
Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 5 | September-October 2023 Article Preview
शोध छात्र (जे0आर0एफ0)ए तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालयए जौनपुर (उ0प्र0)
सम्बद्ध: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयए जौनपुर (उ0प्र0)
Date of Publication : 2023-09-11
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 16-20
Manuscript Number : SHISRRJ23654
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23654