Manuscript Number : SHISRRJ236623
नई शिक्षा नीति-रोजगार के अवसरो में वृद्धि के संदर्भ में योगदान
Authors(2) :-सरोज रजक, डाँ. अंजनी कुमार पाण्डेय शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है सीखने और सिखाने की क्रिया। इस प्रकार हम कह सकते है कि शिक्षा किसी भी समाज में चलने वाली वह निरन्तर प्रक्रिया हैं, जिसका उद्देश्य इंसान की आन्तरित शक्तियों का विकास करना और उसके व्यवहार में सुधार लाना है। शिक्षा का प्राथमिक उद्देश्य ज्ञान और कौशल में वृद्धि कर मनुष्य को योग्य नागरिक बनाना है। गौरतलब है कि आजादी के बाद भारत मंे पहली शिक्षा नीति सन् 1986 में बनाई गई थी जो मुख्यतः लाॅर्ड मैकाले की अंगे्रजी प्रधान शिक्षा नीति पर आधारित थी। इसमें 1992 में कुछ संशोधन भी किये गये किन्तु इसका ढ़ांचा मूलतः अंग्रेजी माध्यम शिक्षा पर ही केन्द्रित रहा।
सरोज रजक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, डिजिटल युग,शिक्षार्थियों, ज्ञान, शिक्षा। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
पीएच.डी.शोधार्थी(अर्थशास्त्र) अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, मध्य प्रदेश।
डाँ. अंजनी कुमार पाण्डेय
प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (अर्थशास्त्र) शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना,मध्य प्रदेश।
Date of Publication : 2023-12-21
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 141-144
Manuscript Number : SHISRRJ236623
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236623