Manuscript Number : SHISRRJ236629
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की इतिहास दृृष्टि
Authors(1) :-लक्ष्मण आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी कथासम्राट मंुशी प्रेमचंद के महत्व को पहचान कर उन पर अपनी बेदह प्रासंगिक और महत्वपूर्ण टिप्पणी देते है। वे लिखते हैं-‘‘प्रेमचंद शताब्दियों से पददलित, अपमानित और निष्पोषित कृषकों की आवाज थे; पर्दे में कैद, पद-पद पर लांछित और असहाय नारी जाति की महिमा के जबरदस्त वकील थे; गरीबों और बेकसों के महत्व के प्रचारक थे।
लक्ष्मण आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, इतिहास, कथासम्राट, पददलित, अपमानित, निष्पोषित, कृषक, महिमा।
Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
शोधार्थी, सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
Date of Publication : 2023-12-21
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 191-202
Manuscript Number : SHISRRJ236629
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236629