आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की इतिहास दृृष्टि

Authors(1) :-लक्ष्मण

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी कथासम्राट मंुशी प्रेमचंद के महत्व को पहचान कर उन पर अपनी बेदह प्रासंगिक और महत्वपूर्ण टिप्पणी देते है। वे लिखते हैं-‘‘प्रेमचंद शताब्दियों से पददलित, अपमानित और निष्पोषित कृषकों की आवाज थे; पर्दे में कैद, पद-पद पर लांछित और असहाय नारी जाति की महिमा के जबरदस्त वकील थे; गरीबों और बेकसों के महत्व के प्रचारक थे।

Authors and Affiliations

लक्ष्मण
शोधार्थी, सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, इतिहास, कथासम्राट, पददलित, अपमानित, निष्पोषित, कृषक, महिमा।

  1. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य की भूमिका, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 निवेदन से उद्धृत
  2. मैनेजर पाण्डेय, साहित्य और इतिहास दृष्टि, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 131
  3. वही, पृ0 132
  4. वही, पृ0 129
  5. हजारी प्रसाद द्विवेदी ग्रंथावली, संपादक - मुकुन्द द्विवेदी, भाग-3, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 555-556
  6. वही, पृ0 556
  7. वही, पृ0 556
  8. वही, पृ0 556-557
  9. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य की भूमिका, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 15
  10. वही, पृ0 52
  11. वही, पृ0 52
  12. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 59
  13. वही, पृ0 22
  14. मैनेजर पाण्डेय, साहित्य और इतिहास दृष्टि, वाणी प्रकशन, नई दिल्ली, पृ0 150
  15. वही, पृ0 146
  16. रामचंद्र शुक्ल, रचनावली (भाग-1) संपादक नामवर सिंह, आशीष त्रिपाठी, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 117
  17. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 59
  18. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य की भूमिका, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 15-16
  19. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, साहित्य सरोवर प्रकाशन, आगरा (उ0प्र0), पृ0 59
  20. वही, पृ0 59
  21. मैनेजर पाण्डेय, साहित्य और इतिहास दृष्टि, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 155
  22. वही, पृ0 155
  23. नामवर सिंह, दूसरी परंपरा की खोज, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 50
  24. वही, पृ0 56-60
  25. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, साहित्य सरोवर प्रकाशन, आगरा (उ0प्र0), पृ0 65-66
  26. विश्वनाथ त्रिपाठी, हिंदी आलोचना, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 140
  27. हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 75-76
  28. हजारी प्रसाद द्विवेदी, कबीर, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 170
  29. मैनेजर पाण्डेय, साहित्य और इतिहास दृष्टि, वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 155
  30. हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 158
  31. वही, पृ0 161
  32. आचार्य रामचंद्र शुक्ल, हिंदी साहित्य का इतिहास, साहित्य सरोवर प्रकाशन, आगरा (उ0प्र0), पृ0 169
  33. मैनेजर पाण्डेय, साहित्य और इतिहास दृष्टि, वाणी प्रकाशन नई दिल्ली, पृ0 159
  34. हजारी प्रसाद द्विवेदी, हिंदी साहित्य: उद्भव और विकास, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली, पृ0 229

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-12-21
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 191-202
Manuscript Number : SHISRRJ236629
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

लक्ष्मण, "आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की इतिहास दृृष्टि", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 6, pp.191-202, November-December.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236629

Article Preview