Manuscript Number : SHISRRJ236631
घरेलू हिंसा का वर्तमान भारतीय परिदृश्यः एक विवेचना
Authors(1) :-डाॅ॰ विमला कुमारी घरेलू हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए घरेलू हिंसा से महिला सरक्षण अधिनियम, 2005 पर चर्चा करते हुए कहा है कि वर्ष 2005 के अधिनियम के अनुपालन के बाद भी भारत में घरेलू हिंसा की घटनाओं में कमी नहीं आई है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक महिला को भारत में पु़त्री, बहन, पत्नी, माॅ, साथी या एकल महिला के रूप में घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है, जो चिंतनीय है।
डाॅ॰ विमला कुमारी घरेलू हिंसा, भारतीय, महिला, अत्याचार, हिंसा, परिवार, लोक-लाज, शारीरिक, भावनात्मक, आर्थिक।
Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय स्नातकोŸार गृह विज्ञान विभाग, भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा।
Date of Publication : 2023-12-21
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 210-220
Manuscript Number : SHISRRJ236631
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236631