Manuscript Number : SHISRRJ236633
संकल्पसूर्याेदय नाटक में काव्य तत्व
Authors(2) :-आलोक कुमार ओझा, डाॅ0 देव नारायण पाठक संकल्पसूर्योदय नाटक एक प्रतीक नाटक है, जिसमें दस अंक है। जगत् में रस से तात्पर्य है-काव्य, नाटकादि के पठन, श्रवण या दर्शन से सहृदय के हृदय में उद्यीप्त तन्मयीभाव रूप आनन्द। यद्यपि यह आनन्द एक रूप ही हुआ करता है किन्तु विभिन्न आलम्बनों का आश्रयण करने के कारण इसके अनेक भेद किये जाते हैं। संकल्पसूर्योदय नाटक में प्रधान रस शान्त रस है। संकल्पसूर्योदय नाटक में वेंकटनाथ ने अलंकारों को यथोचित महŸव दिया है। मुख्य रूप से यमक, अनुप्रास, उपमा, श्लेष और रूपक आदि अनेक अलंकार उदाहरण प्राप्त होते हैं।
आलोक कुमार ओझा संकल्पसूर्योदय, काव्य, नाटक, रस, अलंकार, वेंकटनाथ, आत्मा, सुमति, श्रद्वा, विचारणा। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023 Article Preview
शोधच्छात्र, संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय,प्रयागराज, उत्तर प्रदेश।
डाॅ0 देव नारायण पाठक
शोध निर्देशक, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग, नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय, प्रयागराज,उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2023-12-21
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 227-232
Manuscript Number : SHISRRJ236633
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ236633