पुराणों में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसकी प्रासंगिकता

Authors(2) :-डाॅ0 सिद्धार्थ सिंह, संतोष कुमार पाण्डेय

प्रकृति तथा मानव समाज सभ्यता के आरम्भ से ही एक दूसरे से सम्बंधित रहे हैं। मानव सभ्यताएं तथा संस्कृतियां प्रकृति के संरक्षण में ही पुष्पित, पल्लवित तथा विकसित हुई हैं। प्रकृति ने मानव का पोषण व संवर्धन किया तथा इसके बदले में मनुष्य ने प्रकृति का संरक्षण व सम्मान किया।1 प्राचीन ग्रन्थो में पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए प्रार्थना करते हुए कहा गया कि- ऊँ पूर्णमदः पूर्णमिंद पूर्णात्पूर्णमुदच्यते। पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवाशिष्यतेः।।2 अर्थात् मानव को अपनी इच्छाओं को वश में रख कर प्रकृति से उतना ही ग्रहण करना चाहिए जिससे उसकी पूर्णता को क्षति न पहुँचे।

Authors and Affiliations

डाॅ0 सिद्धार्थ सिंह
असि0 प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जौनपुर (उ0प्र0), सम्बद्धः वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर (उ0प्र0)
संतोष कुमार पाण्डेय
शोध छात्र, प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जौनपुर (उ0प्र0), सम्बद्धः वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर (उ0प्र0)

पर्यावण, अग्नि, जल, ऋतुएँ, पर्वत, वनस्पतियाँ, वृक्ष, जीव जन्तु, ग्रह-नक्षत्र

  1. प्रज्ञा, पर्यावरण विशेषांक, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, अंक 55, भाग-2
  2. त्रिवेदी, पी0सी0, गुप्ता गरिमाः ‘पर्यावरण अध्ययन’, पृष्ठ, 4-5
  3. गुप्ता, डाॅ0 दीपा, भारतीय अध्यात्म एवं नैतिक पर्यावरण, पृष्ठ 39
  4. इतिहासपुराणाभ्यां वेदं समुपबृंहयेत्। विभेत्यल्पश्रुताद्वेदो मामयं प्रहरिष्यति।।, त्रिपाठी, डाॅ0 अनन्तमणि, पुराणों में पर्यावरण, डंदंअइींतजप सपअमण्बवउ
  5. पदम् पुराण, सृष्टि खण्ड 3/124
  6. श्रीमद्भागवतगीता 3/14
  7. श्रीमद्भागवतगीता 9/8
  8. वामन पुराण, 1-23, नारद पुराण 1-322
  9. ब्रहम पुराण, 2-24
  10. गरूण पुराण 2-22ग
  11. मत्स्य पुराण, विधान परिजात खण्ड 4, अ. 49
  12. अग्नि पुराण 1, 16
  13. भविष्य पुराण, 10-11
  14. जैन, प्रेम सुमन, ‘‘पर्यावरण सन्तुलन एवं शाकाहार,’’ पृष्ठ, 51
  15. पदम् पुराण, सृष्टि खण्ड, अध्याय 28
  16. शर्मा, दामोदर, व्यास हरिश्चन्द्र ‘‘हमारा पर्यावरण,’’ पृष्ठ 121
  17. विष्णुत्तर पुराण 297
  18. पानीयदानं परमं दानामुत्तमं तदा।
  19. सर्वेषां जीवपुंजानां तर्पणं जीवनं स्मश्तम्।।
  20. शिव पुराण, स.स. 12/1
  21. त्रिपाठी, डाॅ0 अनन्तमणि, पुराणों में पर्यावरण, डंदंअइींतजप सपअमण्बवउ
  22. शिव पुराण, उ. संहिता 11/7
  23. आग्नि पुराण 1-2/282
  24. पद्म पुराण 1, 8
  25. ब्रहम पुराण 11, 24

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 6 | November-December 2023
Date of Publication : 2023-11-11
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 28-33
Manuscript Number : SHISRRJ23666
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डाॅ0 सिद्धार्थ सिंह, संतोष कुमार पाण्डेय, "पुराणों में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणा तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसकी प्रासंगिकता ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 6, Issue 6, pp.28-33, November-December.2023
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23666

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