Manuscript Number : SHISRRJ23698
महादेवी वर्मा की कविताओं में स्त्री चेतना की अवधारणा
Authors(1) :-समीमा खातून महादेवी वर्मा हिंदी साहित्य की प्रमुख कवयित्री और लेखिका थीं, जिन्होंने भारतीय साहित्य में स्त्री चेतना को एक नई दिशा दी। उन्हें "छायावाद की चौथी स्तंभ" के रूप में जाना जाता है। उनकी कविताओं, निबंधों और गद्य रचनाओं में स्त्री चेतना का प्रखर स्वरूप मिलता है। वे छायावाद युग की एक महत्वपूर्ण कवयित्री थीं, जिनके काव्य और गद्य में नारी के प्रति गहरी संवेदनशीलता और सहानुभूति झलकती है। महादेवी वर्मा का स्त्री विषयक चिंतन न केवल उनकी कविताओं में, बल्कि उनके लेखों और निबंधों में भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। महादेवी वर्मा की स्त्री चेतना केवल सामाजिक और भौतिक स्तर पर ही नहीं है, बल्कि उसमें एक गहरी आध्यात्मिकता और संवेदनशीलता भी है। उनकी कविताओं में स्त्री को प्रकृति, प्रेम, और आत्मा की संवेदनाओं से जुड़ा हुआ दिखाया गया है। इस शोध आलेख में महादेवी वर्मा की कविताओं में मौजूद स्त्री चेतना की अवधारणा पर व्यापक चर्चा की गयी है।
समीमा खातून स्त्री, स्त्री चेतना, हिंदी कविता, छायावाद, मुक्ति, नारीवाद। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 3 | May-June 2023 Article Preview
सहायक प्राध्यापक, हिंदी विभाग, बोधिसत्व रामकृति महिला महाविद्यालय, राजापुर, बोधगया
Date of Publication : 2023-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 77-82
Manuscript Number : SHISRRJ23698
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ23698