महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता एवं प्रस्थिति गतिशीलता

Authors(1) :-डा. शाहेदा सिद्दीकी

किसी भी समाज में महिलाओं की स्थिति में कोई भी सार्थक बात कहने से पूर्व हमें उस समाज की संरचना के विषय में जानना आवश्यक होता है। महिलाओं की उपस्थिति में महत्वपूर्ण तरीके से परिवर्तन तभी संभव है जबकि सामाजिक संरचना में परिवर्तन हो और समाज का आधारभूत संरचनात्मक विभागों में अभिव्यक्ति किया जाय। यही नहीं समाजशाóीय परिप्रेक्ष्य भी यह मांग करता है, कि महिलाओं की स्थिति पर केवल सैद्धान्तिक रूप से ध्यान न देकर वरन वास्तव में उनकी उपस्थिति गतिशीलता पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन परम्परावादियों व आधुनितावादी ने बहुत उलझनों को जन्म दिया है। जब हम परम्परावादी व आधुनिक समय की महिलाओं का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं, तो वर्तमान को हम अतीत से कम संतोषजनक मानते हैं।

Authors and Affiliations

डा. शाहेदा सिद्दीकी
प्राध्यापक,समाजशाó,, शा0 ठाकुर रणमत सिंह, महाविद्यालय, रीवा, मध्य प्रदेश, भारत।

आधारभूत संरचना, गतिशीलता, अभिव्यक्ति, समाजशाóीय परिप्रेक्ष्य।

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Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 1 | January-February 2024
Date of Publication : 2024-02-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 73-79
Manuscript Number : SHISRRJ247110
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डा. शाहेदा सिद्दीकी, "महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता एवं प्रस्थिति गतिशीलता ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 7, Issue 1, pp.73-79, January-February.2024
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ247110

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