Manuscript Number : SHISRRJ247130
महिला सशक्तिकरण एवं गाँधी जी
Authors(1) :-शांति भूषण सिंह गांँधी जी भारत की उन्नति एवं विकास के लिए महिलाओं की स्थिति में सुधार व विकास को आवश्यक मानते थे। राष्ट्रपिता ने महिलाओं को आत्म उन्नति एवं स्वनिर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया। वह महिलाओं में त्याग, समर्पण, सादगी, सेवा की भावना बढ़ाने पर जोर देते थे। गाँंधी जी का मत था कि कानूनी रूप से विषमताओं को दूर करना, मात्र बाहरी उपचार है। वास्तविकता में आंतरिक रूप से इसकी जड़ का समूल नाश करना जरूरी है। अर्थात लोगों की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है, तभी इस बुराई को समाप्त किया जा सकता है। एक व्यक्ति को पढ़ाओगे तो एक व्यक्ति शिक्षित होगा एक स्त्री को पढ़ाओगे तो पूरा परिवार शिक्षित होगा। जस्टिस रानाडे ने कहा था कि जितना हम जीवन भर में महिलाओं के लिए नहीं कर पाए गांँधी जी ने उतना एक दिन में कर दिया है।
शांति भूषण सिंह महिला, सशक्तिकरण, गांँधी, आंतरिकए परिवार, शिक्षित, स्त्री। Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर (इतिहास) सर्वोदय पी.जी. कॉलेज, सलोन, रायबरेली।
Date of Publication : 2022-02-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 213-216
Manuscript Number : SHISRRJ247130
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ247130