महिला सशक्तिकरण एवं गाँधी जी

Authors(1) :-शांति भूषण सिंह

गांँधी जी भारत की उन्नति एवं विकास के लिए महिलाओं की स्थिति में सुधार व विकास को आवश्यक मानते थे। राष्ट्रपिता ने महिलाओं को आत्म उन्नति एवं स्वनिर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया। वह महिलाओं में त्याग, समर्पण, सादगी, सेवा की भावना बढ़ाने पर जोर देते थे। गाँंधी जी का मत था कि कानूनी रूप से विषमताओं को दूर करना, मात्र बाहरी उपचार है। वास्तविकता में आंतरिक रूप से इसकी जड़ का समूल नाश करना जरूरी है। अर्थात लोगों की मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है, तभी इस बुराई को समाप्त किया जा सकता है। एक व्यक्ति को पढ़ाओगे तो एक व्यक्ति शिक्षित होगा एक स्त्री को पढ़ाओगे तो पूरा परिवार शिक्षित होगा। जस्टिस रानाडे ने कहा था कि जितना हम जीवन भर में महिलाओं के लिए नहीं कर पाए गांँधी जी ने उतना एक दिन में कर दिया है।

Authors and Affiliations

शांति भूषण सिंह
एसोसिएट प्रोफेसर (इतिहास) सर्वोदय पी.जी. कॉलेज, सलोन, रायबरेली।

महिला, सशक्तिकरण, गांँधी, आंतरिकए परिवार, शिक्षित, स्त्री।

  1. महात्मा गाँधी-स्त्रियाँ और उनकी समस्याऐं, सम्पूर्ण गाँधी वांङ्मय, वीमन एण्ड सोसल इंजस्टिस, यंग इण्डिया, हरिजन, सेवक
  2. ममता अग्रवाल-वोमेंस मूवमेंअ इन इण्डिया
  3. गुल राशिदा और अनीषा सफी-वोमेंस मूवमेंअ इन इण्डिया
  4. सीता कपाड़िया-अ ट्रिब्यूट टू महात्मा गाँधी: हिज व्यूज आॅन वोमेन एण्ड सोसल चैलेंज
  5. टी0 के0 एन उन्नीयन-गाँधी एण्ड सोसल चेंज

Publication Details

Published in : Volume 5 | Issue 1 | January-February 2022
Date of Publication : 2022-02-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 213-216
Manuscript Number : SHISRRJ247130
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

शांति भूषण सिंह, "महिला सशक्तिकरण एवं गाँधी जी", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 5, Issue 1, pp.213-216, January-February.2022
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ247130

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