Manuscript Number : SHISRRJ2472138
1857 की क्रान्ति: बहादुरशाह जफर
Authors(1) :-डाॅ0 शहरयार बहादुरशाह ज़्ाफर चलाये गये ऐतहासिक मुकदमें के लिए अदालत लाल किले में ही गठित की गई, उसी दीवाने खास में जहां कभी ज़फर के पुरखे और बाद में खुद ज़फर भी, बैठ कर हिन्दुस्तान के बारे में फैसले लिया करते थे। आधुनिक भारत के इतिहास में बहादुरशाह ज़फर का नाम एक लोकनायक के रुप में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। बहादुरशाह का चिन्तन और चरित्र उनकी रचनाओं में भरपूर झलकता है
डाॅ0 शहरयार तैमूर वंशीय, बहादुरशाह ज़फर, साहित्य, शायरी, क्रान्ति, लोकनायक, चिन्तन और चरित्र। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024 Article Preview
पूर्व शोध छात्र, इतिहास विभाग, शिब्ली नेशनल कालेज, आज़मगढ़,उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2024-05-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 123-125
Manuscript Number : SHISRRJ2472138
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ2472138