Manuscript Number : SHISRRJ24732
‘गवाह गैरहाजिर’ का मूल कथ्य
Authors(2) :-पवन कुमार ठाकुर, डॉ. निवेदिता कुमारी
चंद्रकिशोर जायसवाल आम लोक के कथाकार हैं और वे आम जन से जुड़ी समस्याओं को अपने लेखन के माध्यम से दुनिया के सामने रखते हैं। ‘गवाह गैरहाजिर’ उपन्यास में पारिवारिक संबंधों को रेखांकित किया है। जिसमें वृद्ध व्यक्ति के मानसिक स्थिति को दिखाते हुए पारिवारिक संबंधों को दिखाने का प्रयोस किया है। जो इस उपन्यास का नायक किशुन साह के बेटा रामशरण और उनकी पत्नी के व्यवहार से परेशान होकर हमेशा के लिए वरुणेश्वर स्थान जाने का निर्णय लेते हैं। लेकिन बाल-बच्चे, घर-द्वारा, दोस्त-महिम, संगे-संबधी आदि के मोह-माया के कारण रास्ते से ही वापस लौट आते हैं।
पवन कुमार ठाकुर गवाह, गैरहाजिर, कथ्य, शिष्टाचार, परिवर्तन, अँचल, गाँव, स्थिति, आकृष्ट, स्वच्छ, परिवार आदि। Publication Details Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024 Article Preview
शोधार्थी, हिंदी विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा
डॉ. निवेदिता कुमारी
शोध-निर्देशिका व असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी विभाग, जे.एम.डी.पी.एल महिला कॉलेज, मधुबनी
Date of Publication : 2024-05-16
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 29-34
Manuscript Number : SHISRRJ24732
Publisher : Shauryam Research Institute
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ24732