बदलते सामाजिक परिदृश्य में विधवा स्त्री की छवि

Authors(1) :-डॉ. कविता पासवान

मानव समाज के विकास के साथ – साथ परिवार के भी अनेक रूप अस्तित्व में आये, यदि हम काल विशेष के आधार पर परिवार में स्त्री और पुरुष की सत्ता उनके अधिकार, वंशनाम, विवाह के स्वरूप का विश्लेषण करें तो यह स्वतः ही स्पष्ट हो जायेगा कि प्रत्येक काल में उनकी स्थिति भिन्न – भिन्न रही है । महानता के बोझ तले दबी हुई भारतीय स्त्रियां कहने के लिये तो हमेशा से सम्माननीय रहीं है पर वस्तुस्थिति यह है कि उनकी पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक स्थिति को हमेशा सीमित किया जाता रहा । व्यक्तिगत संपत्ति के अलावा जीवन निर्वाह के लिए रोजगार होना किसी भी इंसान के लिए अत्यंत आवश्यक है । आमतौर पर आजीविका कमाने का कार्य पुरुष ही करते आए हैं और स्त्रियां घर पर रह कर परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करती रही हैं । आदर्श रूप में तो यह पद्धति ठीक है लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाती है और उसे अचानक किसी समस्या का सामना करना पड़ता है । अचानक विधवा हो जाने पर परिवार में मृतक के अलावा कमाने वाला और कोई नहीं होता है, तो ऐसे में एक विधवा स्त्री के सामने आजीविका कमाने के लिए घर से बाहर निकलना मजबूरी हो जाती है । ऐसी अवस्था में निम्न वर्ग की अपेक्षा मध्यम वर्गीय विधवा स्त्रियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके पास न तो विशेष शिक्षा होती है, न कोई व्यवसायिक प्रशिक्षण होता है और न ही कोई स्वरोजगार शुरू करने के लिए जमापूंजी होती है ।

Authors and Affiliations

डॉ. कविता पासवान
शोधार्थी, भारतीय भाषा केंद्र, जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

  1. डॉ. मीनाक्षी श्रीवास्तव, कामकाजी महिलाएं वास्तविक स्थिति, हरिप्रकाशन, दिल्ली, 2012
  2. डॉ. रघुनन्दन प्रसाद तिवारी, उत्तरभारत का सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश, 2015
  3. जयशंकर मिश्र, प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास, 2013
  4. डॉ. राजेश कुमार चतुर्वेदी, उत्तरभारतीय समाज एवं संस्कृति, 2011
  5. शंभुनाथ, सामाजिक क्रांति के दस्तावेज-2, नई दिल्ली, 2004

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 4 | July-August 2024
Date of Publication : 2024-08-16
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 62-65
Manuscript Number : SHISRRJ24745
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

डॉ. कविता पासवान, "बदलते सामाजिक परिदृश्य में विधवा स्त्री की छवि ", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 7, Issue 4, pp.62-65, July-August.2024
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ24745

Article Preview