विकलांग व्यक्तियों के बुनियादी सामाजिक, भावनात्मक, शैक्षणिक एवं रोजगार संबंधी अधिकार एवं उनकी सुरक्षा एवं न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका

Authors(1) :-धरमवीर यादव

लेख विकलांग लोगों के बुनियादी सामाजिक, भावनात्मक, शैक्षिक और रोजगार संबंधी अधिकारों पर चर्चा करता है, एक समावेशी समाज के निर्माण में उनके महत्व पर जोर देता है। सामाजिक अधिकारों में सार्वजनिक स्थानों तक समान पहुंच, सामाजिक स्वीकृति और सांस्कृतिक और सामुदायिक गतिविधियों में भागीदारी शामिल है। भावनात्मक भलाई विकलांग व्यक्तियों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करने के लिए सहायता प्रणालियों, परामर्श और एक सहानुभूतिपूर्ण वातावरण की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।समावेशी शिक्षा प्रणालियों, सुलभ बुनियादी ढांचे और सहायक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए शैक्षिक अधिकार महत्वपूर्ण हैं। रोजगार संबंधी अधिकार समान नौकरी के अवसर, कार्यस्थलों पर गैर-भेदभाव और विकलांग कर्मचारियों के समर्थन के लिए उचित आवास सुनिश्चित करते हैं।न्यायपालिका इन अधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अदालतें कानूनों की व्याख्या करने, कानूनी ढांचे को लागू करने और संस्थानों को जवाबदेह बनाने में सहायक रही हैं। ऐतिहासिक निर्णयों ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 जैसी नीतियों को आकार दिया है, जिससे विकलांग व्यक्तियों के लिए सुरक्षा, समानता और समावेशन सुनिश्चित किया जा सके। न्यायपालिका का हस्तक्षेप जागरूकता को बढ़ावा देता है, नीति सुधारों को प्रोत्साहित करता है, और विकलांग समुदाय के लिए न्याय को बढ़ावा देता है, जिससे समाज में उनका सही स्थान मजबूत होता है।

Authors and Affiliations

धरमवीर यादव
पी एच डी, शोधार्थी, सेंटर फॉर कम्पेरेटिव पॉलिटिक्स एंड पोलिटिकल थ्योरी, स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरु विश्वविधालय, दिल्ली

मूल अधिकार, सामाजिक अधिकार, भावनात्मक कल्याण, अवसर, न्यायपालिका।

  1. पातञ्जलयोगसूत्रम् - भावप्रकाशिका - हिन्दी व्याख्यासमेतम्। विस्तृत भूमिका एवं भाषानुवादक डा. महाप्रभुलाल गोस्वामी। प्रकाशकः चौखम्भा संस्कृत संस्थान वाराणसी।
  2. हठयोगप्रदीपिका - प्रकाशकः खेमराज श्रीकृष्णदास, अध्यक्ष: श्रीवेङ्कटेश्वर प्रेस, खेमराज श्रीकृष्णदास मार्ग, मुंबई।
  3. अष्टाङ्गहृदयसंहिता - इन्दुविरचितया शशिलेखाख्या व्याख्यया समुल्लसिता। प्रकाशकः - चौखम्बा कृष्णदास अकादमी, वाराणसी। चौखम्बा प्रेस, वाराणसी।
  4. सुश्रुतसंहिता - श्री डल्हणाचार्यविरचितया निबन्धसङ्ग्रहाख्यव्याख्या आचार्योपाह्वेन त्रिविक्रमात्मजेन यादवशर्मणा, नारायण राम आचार्य काव्यतीर्थश्च इत्याभ्यां संशोधिता। चौखम्बा संस्कृत संस्थान वाराणसी।
  5. चरकसंहिता - श्रीमद्ग्निवेशेन प्रणिता चक्रदृढबलाभ्यां प्रतिसंस्कृता चरकसंहिता श्रीचक्रपाणिदत्तविरचिता ‘आयुर्वेददीपिका’ व्याख्यासंवलिता - ‘विद्योतिनी’ - हिंदीव्याख्याविभूषिता - चौखम्भा संस्कृत संस्थान वाराणसी। ग्रन्थसम्पादकः - डा. गङ्गासहाय पाण्डेय।
  6. श्रीमद् भगवद्गीता - गीताप्रेस गोरखपुर।
  7. शार्ङ्गधरसंहिताः - पण्डितशार्ङ्गधरसंहिता दीपिका हिंदीव्याख्या विशेषवक्तव्यसमन्विता, महर्षि अग्निवेशकृत अञ्जननिदानसहिता - चौखम्भा सुरभारती प्रकाशन।
  8. अष्टाङ्गसङ्ग्रहः - सूत्रस्थानं - सरोज हिन्दीव्याख्यया सहितः - प्रो० रविदत्त त्रिपाठि - चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठानम् दिल्ली।

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 5 | September-October 2024
Date of Publication : 2024-10-20
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 42-50
Manuscript Number : SHISRRJ24757
Publisher : Shauryam Research Institute

ISSN : 2581-6306

Cite This Article :

धरमवीर यादव , "विकलांग व्यक्तियों के बुनियादी सामाजिक, भावनात्मक, शैक्षणिक एवं रोजगार संबंधी अधिकार एवं उनकी सुरक्षा एवं न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका", Shodhshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (SHISRRJ), ISSN : 2581-6306, Volume 7, Issue 5, pp.42-50, September-October.2024
URL : https://shisrrj.com/SHISRRJ24757

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